सिंगरौली 3 अप्रैल। नगर पालिक निगम सिंगरौली के गनियारी में स्थित पीएम आवास आवंटन को लेकर नगर निगम के कई अधिकारी घिर गये हैं। अपने रिश्तेदारों एवं चहेतों को प्रसाद की तरह पीएम आवास एलाट करते हुए लाभ पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा है। पीएम आवास के वितरण में हुई अनियमितता की जांच का जिम्मा ऐसे अधिकारी को सौंपा गया है। जिनके रिश्तेदारों के नाम पर एलाट है। ऐसे में कथित अधिकारी निष्पक्ष जांच कैसे करेगा। इस बात को लेकर नगर निगम में घमासान मचा हुआ है।
गौरतलब हो कि गनियारी के बसंत विहार कॉलोनी में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1204 ब्लॉक बनाये गये हैं। जिनका आवंटन भी नगर पालिक निगम के द्वारा कर दिया गया है। बसंत विहार कॉलोनी के आवास में लोग रहना भी शुरू कर दिये। किन्तु प्रधानमंत्री आवास के आवंटन को लेकर इन दिनों नगर निगम में घमासान मचा हुआ है। सूत्र बता रहे हैं कि पीएम आवास योजना के आवंटन में अपात्रों को पात्र बनाकर लाभ पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा गया है। सूत्रों ने यहां तक बताया कि नगर निगम के एक अधिकारी ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए साला एवं सास के नाम आवास मुहैया करा दिया है और अब वही अधिकारी आवास वितरण में हुई धांधली की जांच कर रहा है। नगर निगम का कथित अधिकारी ऐसे में निष्पक्ष जांच कैसे करेगा यह अपने आप में एक बड़ा प्रश्रचिन्ह खड़ा हो रहा है। सूत्र यहां तक बता रहे हैं कि उक्त अधिकारी ने अपने कई चहेतों को भी पीएम आवास एलाट कराया है। फिलहाल नगर पालिक निगम सिंगरौली के प्रधानमंत्री आवास के आवंटन में हुई अनियमितता की जांच टीम पर ही तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में जांच टीम में शामिल सदस्य अपनी कमियों को कैसे उजागर करेंगे। नगर निगम दफ्तर में इन दिनों इस बात को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है।
जांच में कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना
सूत्र बता रहे हैं कि नगर पालिक निगम के एक अधिकारी से इन दिनों कुछ अधिकारी खफा हैं। ननि के कथित अधिकारी के कमियों को खंगालने का जिम्मा मिला हुआ है और कमिया मिलते ही कथित अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की जा सके। इसके लिए एक सुनियोजित षड्यंत्र रचा जा रहा है। इस षड्यंत्र में कहां तक सफल होंगे यह तो कह पाना मुश्किल है। लेकिन कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना साधा जा रहा है। ननि में चर्चा है कि यदि षड्यंत्रकारी अधिकारी अपने मकसद में सफल हो गये तो उनके और अच्छे दिन आ जायेंगे। हालांकि कथित अधिकारी का ही ननि में दबदबा है और अपने इस दबदबा का भरपूर फायदा भी लिया जा रहा है। उनके कारनामें भी छूपे नहीं हैं। वह भी अब धीरे-धीरे बेपर्दा हो रहा है।
निष्पक्ष जांंच टीम गठित करने की उठी मांग
नगर निगम सिंगरौली में पीएम आवास वितरण में गड़बड़झाले की हुई शिकायत को लेकर जांच टीम गठित की गयी है। किन्तु जांच टीम ही सवालों के घेरे में है। यहां के कई प्रबुद्ध नागरिकों ने कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा है कि जिस अधिकारी के नात-रिश्तेदारों को पीएम आवास आवंटित हुआ है और वह भी दूसरे जिले के हैं अपात्र को पात्र बनाकर लाभ दिलाया गया है ऐसे अधिकारी को पहले जांच टीम से अलग करें और किसी अन्य विभाग के अधिकारियों के माध्यम से जांच करायी जाय तो कई चौकाने वाले मामले सामने आ सकते हैं।
दूसरे जिले वासियों को भी मिला है पीएम आवास
प्रधानमंत्री आवास के आवंटन में जमकर खेला हुआ है। ननि के कथित अधिकारियों ने पदीय दुरूपयोग करते हुए जहां अपने नात-रिश्तेदारों को आवास एलाट कराने में सफल हो गये। तो वहीं ऐसे अपात्रों को आवास एलाट कराया गया है। जो दूसरे जिले व प्रांत के हैं। उदाहरण तौर पर संदीप एवं प्रभा सबसे बड़ा उदाहरण है। इसके अलावा अन्य कई ऐसे अपात्र हैं जिन्हें पात्र की श्रेणी में लाया गया। इसके पीछे कई दलाल भी सक्रिय थे। आरोप लगाया जा रहा है गनियारी स्थित प्रधानमंत्री आवास के आवंटन में जमकर खेला हुआ है और इस खेल में कई अधिकारी भी बेपर्दा हो सकते हैं। बशर्तें निष्पक्ष जांच की जरूरत है। आरोप है कि अभी तक नगर निगम का पिछला जो इतिहास रहा है उससे निष्पक्ष जांच की उम्मीद कर पाना मुमकिन नहीं बल्कि नामुमकिन है। इसके कई उदाहरण भी हैं।