हितग्राही मोर्चा खोलने की तैयारी में, नोटिस का कर रहे इंतजार, मामला नगर पालिक निगम सिंगरौली के गनियारी स्थित प्रधानमंत्री आवास का
सिंगरौली 19 मई.गनियारी स्थित प्रधानमंत्री आवास Awas को लेकर इन दिनों मामला काफी तूल पकड़ा हुआ है.जब से सैकड़ों हितग्राहियों ने इस बात को सुना है की 270 आवास को अपात्र मानकर निरस्त कर दिये गये हैं तब से ऐसे हितग्राही अब लामबंद होकर नगर पालिक निगम अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में जुट गये हैं. हालांकि अभी किसी भी हितग्राही को आवास खाली करने नोटिस नहीं मिली है.
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दरअसल नगर पालिक निगम सिंगरौली के गनियारी स्थित प्रधानमंत्री आवास Awas योजना के आवंटन का मामला इस समय काफी जोर पकड़ा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक पिछले दिनों निगमायुक्त का समाचार पत्रों में बयान आया था कि 270 आवास के हितग्राहियों के आवंटन को अपात्र मानते हुए निरस्त कर दिया गया है.
इसमें कितनी सच्चाई है इस पर अभी कुछ कह पाना जल्दबाजी होगी, लेकिन जब से यह खबर सामने आयी है तब से हितग्राहियों की बेचैनी और चिंताएं बढ़ गयी हैं. आवास Awas में रहने वाले कई हितग्राहियों ने साफ तौर पर कहा है कि यदि आवास का आवंटन अपात्र मानकर निरस्त कर दिया जायेगा तो प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के यहां शिकायत तो की ही जायेगी। साथ ही न्यायालय का भी शरण लेंगे. कलेक्टर से अनुमोदन कराना नगर निगम के अधिकारियों का काम है.
हितग्राही कलेक्टर के यहां नोटशीट लेकर नहीं जायेंगे। फिर नगर निगम के अधिकारियों ने आवास Awas के आवंटन का अनुमोदन क्यों नहीं कराया। हितग्राहियों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि कहीं न कहीं इसमें निगमायुक्त की घोर लापरवाही है। हितग्राहियों ने यह भी कहा है कि 16 जनवरी 2021 को मुख्यमंत्री का बैढऩ आगमन हो रहा था। इसके पूर्व नगर निगम के आयुक्त व अन्य अधिकारियों ने आवासीय कॉलोनी का दौरा करते हुए जायजा लिया था कि कितने आवास अभी खाली हैं.
आयुक्त ने मौखिक तौर पर बोला था कि ज्यादा से ज्यादा आवास Awas बुक कर दिया जाय नहीं तो मुख्यमंत्री यदि निरीक्षण किये तो खाली आवास देखकर नाराज हो सकते हैं. ननि के जिम्मेदार अधिकारियों ने इस तरह का झासा क्यों दिया था और इसमें असली दोषी कौन है? ननि के एक जिम्मेदार अधिकारी ने अपने सगे रिश्तेदारों को आवास आवंटित किया है ऐसे अधिकारी पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई.
ननि व कलेक्टे्रट कार्यालय का करेंगे घेराव
270 आवासों Awas को यदि निरस्त किया जाता है तो हम हितग्राहियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.हालांकि इसमें पूरी गलती नगर निगम व जिला प्रशासन की है. यदि आवास खाली कराया जाता है तो ननि व कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव कर अधिकारियों से सवाल जबाव किया जायेगा.
फतेबहादुर सिंह, हितग्राही
आवास Awas को लेकर जिला प्रशासन व ननि अमले को हितग्राहियों को पूरी प्रक्रिया से अवगत कराना चाहिए था.लेकिन ऐसा नहीं किया गया.जिसके कारण ऐसी स्थिति निर्मित हो रही है.यदि आवास खाली कराया जाता है तो निश्चित रूप से ननि व कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव करने के साथ कोर्ट में भी मामले को ले जाया जायेगा.
अजीत कुमार, हितग्राही
इसमें हम लोगों की क्या गलती?
270 पीएम आवासों Awas को निरस्तीकरण की बात सामने आयी है.इसको लेकर मेरे द्वारा नगर निगम अधिकारियों से चर्चा की गयी.इस दौरान नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि कलेक्टर के द्वारा होने वाले सत्यापन व अनुमोदन न होने के कारण ऐसा किया जा रहा है. इसमें हम आम लोगों की क्या गलती है. मेरे द्वारा 70 हजार रूपये की राशि जमा की गयी थी.आगे यहां पर बनी हुई समिति जो निर्णय लेगी उसी के अनुरूप विचार किया जायेगा. फिलहाल समस्या तो सभी को होनी है.
आनंद कुमार भारद्वाज, हितग्राही, पीएम आवास गनियारी
आवास खाली हुआ तो हम लोग शांत नहीं बैठेंगे
270 आवासों Awas के निरस्तीकरण की बात तो सामने आ रही है लेकिन नगर निगम के द्वारा कोई भी नोटिस नहीं दी गयी.यदि आवास खाली कराया जाता है तो कहीं न कहीं सरकार व जिला प्रशासन की ही कमी मानी जायेगी. क्योंकि सारे डाक्यूमेंट्स व 2 लाख रूपये जमा किया जा चुका है.यदि अब आवास खाली कराया जाता है तो निश्चित रूप से नगर निगम का घेराव किये जाने के साथ-साथ क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों व प्रभारी मंत्री से भी मेल मुलाकात कर मामले को उठाया जायेगा.
प्रियांशू सिंह बघेल (गोलू),हितग्राही, पीएम आवास गनियारी