नायब तहसीलदार की रिपोर्ट पर गढ़वा थाने में दर्ज हुआ अपराध, यूपी से धान खपाने का मामला
सिंगरौली 1 दिसम्बर। सी एम शिवराज सिंह चौहान के एक सरकारी शिक्षक को धान की खरीदी बिक्री की कालाबाजारी करते हुए एसडीएम ने पकड़ा है। ईजीएस शाला पडऱी पंचायत में पदस्थ शिक्षक के विरूद्ध गढ़वा थाना में यूपी की धान अपने परिजनों के यहां खपाने के मामले में एसडीएम नीलेश शर्मा के निर्देश पर नायब तहसीलदार अर्जुन बेलवंशी की रिपोर्ट पर गढ़वा पुलिस ने भादवि की धारा 420, 418 के तहत मामला पंजीबद्ध कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
गौरतलब हो कि उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रांतों की धान बिक्री पर एमपी के सिंगरौली जिले में प्रतिबंधित है। कलेक्टर राजीव रंजन मीना ने सख्त लहजे में निर्देशित किया है कि किसी भी हालत में सीमावर्ती राज्य से धान नहीं आनी चाहिए। बावजूद इसके गढ़वा थाना क्षेत्र के झरकटा मार्ग से यूपी की धान पडऱी कला व पडऱी खुर्द सहित कई गांवों में अवैध तरीके से यूपी की धान सस्ते दर पर खरीदकर दलाल खपा रहे हैं। इसकी खबर एसडीएम नीलेश शर्मा को लगी तो उन्होंने खूफिया तंत्र मजबूत करते हुए ऐसे दलालों को चिन्हित करने का जिम्मा सौंपा। जहां 29 नवम्बर को एसडीएम ने स्वयं राजस्व टीम बनाकर पडऱी कला व पडऱी खुर्द में दबिश देते हुए अवधलाल बैस के मकान से तकरीबन 13 सौ बोरी धान जप्त की गयी। इस दौरान पता चला कि उक्त धान पडऱी कला विद्यालय में पदस्थ शिक्षक मुन्नर प्रसाद बैस पिता गोरेलाल बैस निवासी पडऱी खुर्द की है। नायब तहसीलदार ने एफआईआर में उल्लेख किया है कि खरीफ फसल बोनी का रकवा गिरदावरी के अनुसार काफी कम है। इतनी बड़ी मात्रा में धान यूपी से खरीदकर लाई गयी है।
प्रथम दृष्टया में यह साबित हो रहा है कि मुन्नर प्रसाद द्वारा अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए उत्तरप्रदेश से धान लाकर भण्डारित करायी गयी थी। नायब तहसीलदार की रिपोर्ट पर गढ़वा पुलिस ने शिक्षक मुन्नर प्रसाद बैस के विरूद्ध भादवि की धारा 420, 418 के तहत मामला पंजीबद्ध कर मामले की जांच तेज कर दिया है।
चर्चाओं में है शिक्षक
मुन्नर प्रसाद शिक्षक करीब तीन साल से सुर्खियों में है। इन पर रेत के अवैध कारोबार में संलिप्त होने का भी गंभीर आरोप है। वहीं नौडिहवा पुलिस के संरक्षण मिलने की भी लगातार चर्चाएं चल रही हैं। इधर सूत्र बताते हैं कि अब शिक्षक के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई का भी प्रस्ताव कलेक्टर एवं जिला शिक्षा कार्यालय के यहां भेजा जायेगा। ताकि ऐसे शिक्षक के विरूद्ध अनुशासनात्मक कड़ी कार्रवाई की जा सके।