दोहरे अंधी हत्याकाण्ड के गुत्थी का पुलिस अधीक्षक ने किया खुलासा, आरोपी गिरफ्तार,2014 में हुई थी शादी, शादी के बाद से ही पति-पत्नी में चल रहा था विवाद
सिंगरौली । पति-पत्नी के बीच कई साल से अनबन चल रहा था, दोनों का मामला कुटुम्ब न्यायालय में विचाराधीन था। 2019 में न्यायालय के निर्देशानुसार दम्पत्ति एक साथ रहने लगे थे, लेकिन इस बीच दोनों में छोटी-छोटी बातों को लेकर विवाद होता रहा। 21 सितम्बर को नउआ नदी पुल रजमिलान के समीप आरोपी ने अपने पत्नी व साले को हथौड़े से पीट-पीटकर निर्मम तरीके से हत्याकर सड़क दुर्घटना का रूप देने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस के सघन विवेचना में दोहरे हत्याकाण्ड का पर्दाफास हो गया।
उक्त बातें सनसनीखेज दोहरे हत्याकाण्ड का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र कुमार सिंह ने पत्रकारों से कही है। पुलिस अधीक्षक ने शुक्रवार को पत्रकारों को अवगत कराते हुए बताया कि 21 सितम्बर की रात करीब 11 बजे पुलिस 100 वाहन को सूचना मिली कि नउआ नदी पुल रजमिलान सड़क के किनारे पुरूष व महिला के दो शव लहु-लुहान अवस्था में पड़ा हुआ है। पास में ही एक मोटर साइकिल भी क्षतिग्रस्त हालत में पड़ी है। इस सूचना के आधार पर पुलिस घटना स्थल पहुंच लहु-लुहान सड़क के किनारे पड़े दोनों शव को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय लाया गया। जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। वहीं 22 सितम्बर को उक्त मृतक के पिता उदयचन्द साकेत थाना माड़ा पहुंच अज्ञात शव को अपनी पुत्री अंगिरा साकेत एवं पुत्र अभिमन्यु साकेत के रूप में पहचान करते हुए दामाद नंदलाल साकेत निवासी अमिलिया पर हत्या की आशंका जताया। पुलिस अधीक्षक ने आगे बताया कि दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराने के पश्चात इस अप्राकृतिक मौत की जांच करने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित की गयी। जहां महिला अंगिरा एवं युवक अभिमन्यु की संदिग्ध मौत सड़क दुर्घटना से नहीं, बल्कि हत्या की गयी है और हत्या करने वाला कोई और न ही महिला के पति व युवक का जीजा था।
एसपी के अनुसार पुलिस ने संदेही आरोपी को अपने कब्जे में लेकर पूछताछ शुरू की। जिसमें पुलिस की जांच के दौरान जानकारी मिली कि नंदलाल साकेत का विवाह वर्ष 2014 में हुई थी, उसके दो बच्चे हैं। प्रथम पुत्र प्राप्ति के बाद पति-पत्नी के बीच लगातार विवाद चल रहा था। जिसका प्रकरण कुटुम्ब न्यायालय में विचाराधीन है। वर्ष 2019 में न्यायालय के निर्देशानुसार दोनों दम्पत्ति साथ में रहते थे। पति का पत्नी पर हमेशा अविश्वास व तरह-तरह की शक की सुई घुमती रहती थी और इसी बात को लेकर दोनों में काफी अनबन कहा-सुनी, मारपीट भी होती रही है। घटना के दिन आरोपी नंदलाल साकेत रात करीब 10 बजे अपने साला अभिमन्यु को आटो खराब होने से रिंच पिलास, हथौड़ा, पाना लेकर आने के लिए फोन किया। साला अभिमन्यु के साथ में उसकी पत्नी अंगिरा मोटर साइकिल से रजमिलान पहुंची जहां पति-पत्नी के बीच सड़क में ही विवाद शुरू हुआ।
आरोपी नंदलाल आटो बना रहा था, इसी दौरान उसने पत्नी के ऊपर हथौड़ा से प्रहार कर अधमरा कर दिया और महिला अचेत होकर गिर गयी। आरोपी का साला अभिमन्यु बीच-बचाव करने लगा तो उसके ऊपर भी हथौड़ा से प्रहार कर जमीन पर सुला दिया। दोनों जब मूर्छित हो गये तो आरोपी ने हथौड़े से कई बार सिर व शरीर के अन्य भागों पर प्रहार करते हुए मौत की नींद सुला दिया। जघन्य घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी ने हत्या को सड़क दुर्घटना का रूप देकर घटना स्थल से आटो लेकर फरार हो गया था। एसपी ने बताया कि पुलिस की सघन जांच व तत्परता से की गयी कार्रवाई का परिणाम है कि घटना के 4 दिन के अंदर ही आरोपी दबोच लिया गया और सनसनीखेज दोहरे हत्याकाण्ड का खुलासा हुआ। आरोपी के कब्जे से प्रयुक्त हथौड़ा, आटो, रक्त रंजित कपड़े बरामद कर लिया गया है। पुलिस ने दावा किया है कि आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर चुका है। उसके विरूद्ध भादवि की धारा 302,301 के तहत मामला पंजीबद्ध कर गिरफ्तार करते हुए पूछताछ की जा रही है।
पत्नी के चरित्र पर करता था शक एसपी के अनुसार पति-पत्नी में इस बात के लिए अक्सर विवाद होता था कि उसकी पत्नी अंगिरा साकेत जब कभी मायके जाती थी और वापस आती थी तो वह शक करता था कि मायके में किसी से चक्कर चल रहा है। वहीं यह भी चर्चा है कि आरोपी पहले ट्रक चालक था। लॉकडाउन के समय आर्थिक स्थिति खराब होने से उसकी पत्नी काम करने के लिए दबाव बनाती थी और आये दिन निकम्मा कहकर विवाद करती थी। आटो, मोटर साइकिल में अपना अधिकार भी जताती थी। मृतक अभिमन्यु उम्र 18 वर्ष भी अपने जीजा का आटो चलाता था। खर्च को लेकर अक्सर दोनों लड़ते-झगड़ते थे।
कार्रवाई में इनकी रही भूमिका दोहरे अंधी हत्याकाण्ड के गुत्थी का सनसनीखेज खुलासा करने में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनकर के मार्गदर्शन में एसडीओपी मोरवा राजीव पाठक, थाना प्रभारी माड़ा रावेन्द्र द्विवेदी, उप निरीक्षक राकेश कुमार राजपूत, बालेन्द्र त्यागी, परि.उनि.अमन वर्मा, एएसआई राजेश सिंह परिहार, आरक्षक अशोक यादव, आलेक चतुर्वेदी, योगेन्द्र पाण्डेय की भूमिका सराहनीय रही है।
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