सिंगरौली 16 मार्च। निजीकरण के विरोध में सरकारी बैंकों के अधिकारी, कर्मचारी लगातार दो दिन हड़ताल पर रहे। बैंकों में दो दिन के हड़ताल से 6 से 7 सौ करोड़ रूपये का लेन-देन प्रभावित हुआ है। इस दौरान एसबीआई मुख्य शाखा बैढऩ के सामने बैंक के अधिकारी, कर्मचारियों ने सरकार के नीतियों के खिलाफ मंगलवार को भी जमकर नारेबाजी कर अपना विरोध दर्ज कराया।
दरअसल केन्द्र सरकार ने कुछ बैंकों को विलय व निजीकरण कराने का घोषणा किया है। इसके विरोध में सरकारी बैंकों के अधिकारी, कर्मचारी राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत आज मंगलवार को भी हड़ताल पर रहे। यूनाईटेड फोरम ऑफ आरआरबी यूनियंस की मांग है कि सार्वजनिक बैंकों को निजीकरण न करें, ग्रामीण बैंकों में 11 वें वेतन समझौता, 8 वें ज्वाइंट नोट को पूर्णत: एवं तुरंत लागू करने, पदोन्नति नीति, उचित मानव संसाधन नीति सभी रिक्त पदों पर नियुक्ति करने सहित अन्य मांग शामिल हैं। बैंकों में हड़ताल से करीब 6 से 7 सौ करोड़ रूपये का लेन देन प्रभावित होने का अनुमान लगाया जा रहा है। साथ ही आज भी बैंकों के उपभोक्ता बैंकों का चक्कर काटते रहे और जैसे ही उन्हें पता चला कि आज भी हड़ताल है ऐसे उपभोक्ता खाली हाथ लौट गये। इस दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल में एसबीआई, पीएनबी, मध्यांचल, यूबीआई सहित अन्य बैंक के कर्मचारी दो दिन तक हड़ताल पर रहे हैं। इस हड़ताल में राकेश कुमार, बाल्मिकी, ऋषिकेश, अमरेश झा, मनोज शर्मा, विनय कुमार, रोहित ओझा, भुवनेश्वर, अभिजीत, राजाराम, राजेश कुमार सहित अन्य शामिल थे।
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