नई दिल्ली। अमेरिका के कैलिफोर्निया में सेक्स (Sex) के दौरान चुपके से कंडोम (Condom) हटाना अब एक गंभीर अपराध माना जाएगा। इस कृत्य को रोकने के लिए कैलिफोर्निया में एक सख्त कानून बनाया गया है. कैलिफोर्निया अमेरिका का एक मात्र ऐसा राज्य बन गया है, जहां साथी बिना परमिशन के कंडोम निकालना को गैरकानूनी बना दिया गया है। इस प्रस्ताव के अनुसार, बिना सहमति कंडोम (Condom) निकालने वाले आरोपी पर सिविल कोड के तहत मामला दर्ज किया जा सकेगा। हलांकि कानून बनने के बाद पीड़ित व्यक्ति आरोपी के खिलाफ कोर्ट में मुआवजे और जुर्माने की मांग को लेकर केस जरूर कर सकेगा.
एक मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, इस कानून के लिए लंबे समय से लड़ाई करने वाली क्रिस्टीना गार्सिया ने विधानसभा में इस बिल को पेश करते हुए कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि स्टील्थिंग न केवल अनैतिक है, बल्कि अवैध भी है.’ डेमोक्रेटिक असेंबली की गार्सिया 2017 से इस तरह के कानून बनाने की बात कर रही थीं. गार्सिया लगातार इसे अपराध करार की श्रेणी में लाते हुए अपराधियों को जेल भेजने की मांग कर रही थीं. गार्सिया के 5 साल की लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार अमेरिका के कैलिफोर्निया ने इस बिल को मंजूरी दे दी है। इस कानून को बिना किसी विरोध के पारित कर दिया गया हैं।
बताया जा रहा है कि गवर्नर गेविन न्यूसम ने उस विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए हैं जिसमें पार्टनर की मौखिक सहमति लिए बिना सेक्स के दौरान कंडोम हटाना (Stealthing) अवैध घोषित करने की मांग की गई थी.अब बिना सहमति कंडोम निकालने वाले आरोपी पर सिविल कोड के तहत मामला दर्ज किया जा सकेगा.इस प्रस्ताव के कानून के अनुसार अब सेक्स वर्कर भी अपने ग्राहकों पर केस दर्ज करा सकेंगे जो सेक्स के दौरान बिना उनकी सहमत के कंडोम निकाल देते हैं । गार्सिया ने एक मीडिया से बातचीत में कहा , ‘मुझे अभी भी लगता है कि इस कानून को दंड संहिता में होना चाहिए. अगर कोई बिना सहमति के कंडोम हटाता है तो क्या ये बलात्कार या यौन अपराध की श्रेणी में नहीं आता है?’
इस प्रस्ताव के अनुसार, बिना सहमति कंडोम निकालने वाले आरोपी पर सिविल कोड के तहत मामला दर्ज किया जा सकेगा. हालांकि इस कानून को दंड प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया है । गार्सिया के बिल का आकलन करने वाली समिति ने अपने विश्लेषण में स्टील्थिंग को सामान्य रूप व निराशाजनक बताया है. इसके लिए कई तरह के अध्ययन का हवाला भी दिया गया है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में 2019 की एक स्टडी में पाया गया कि 21 से 30 साल की 12% महिलाओं ने स्टील्थिंग का अनुभव किया. 2019 के ही एक अन्य स्टडी में पाया गया कि लगभग 10% पुरुषों ने बिना पार्टनर की सहमति के सेक्स के दौरान चुपके से कंडोम हटाया.
इस बिल के लागू हो जाने के बाद पति या पत्नी पार्टनर के बिना सहमति के खिलाफ कोई उनके साथ जबरदस्ती सेक्स करेगा तो उसके खिलाफ मेरिटल रेप का मुकदमा दर्ज होगा. हालांकि ऐसे मामलों में उसे जेल भेजने के बजाय प्रोबेशन पर छोड़ा जाएगा. साथ ही मुआवजे और जुर्माने की सजा भी भुगतनी पड़ेगी. गार्सिया ने कहा, ‘मुझे गर्व है कि कैलिफोर्निया देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां स्टील्थिंग को गैरकानूनी बना दिया गया है, लेकिन मैं अन्य राज्यों चुनौती दे रही हूं कि वो भी अपने राज्य में जल्द से जल्द इस तरह का कानून ले आएं. अभी ये एक राज्य में हुआ है और 49 जगहों पर इस गैर कानूनी घोषित करना बाकी है.’
क्राइम साबित करना होगा मुश्किल
रिपोर्ट के मुताबिक Cristina Garcia के बिल के कानून बन जाने से इस प्रकार के अपराध के लिए बने सिविल कानून से अस्पष्टता काफी हद तक दूर होगी. हालांकि कईयों का कहना है कि यह कानून बन जाने के बाद भी पार्टनर को क्राइम साबित करने के लिए मुश्किल होगा उन्हें यह प्रूफ करना होगा कि आरोपी ने कंडोम खुद जानबूझकर निकाला था या उसके गलतीवस ऐसी घटना हो गई । वही इस कानून में अभी भी कई ऐसे संशोधन करने की भी आवश्यकता मान रहे हैं जो इस तरह के अपराध को और सर्टिफाइड कर सके। कई ऐसे भी लोग थे जो इस कानून को दंड प्रक्रिया अंतर्गत शामिल करना चाहते हैं