एसी में कमिश्नर: कमिश्नर के आने के बाद नगर निगम में बड़ा भ्रष्टाचार,कमीशन दिया तो भुगतान नहीं तो लटकी फाइल,कोटेशन के काम में करोड़ों का हो रहा बारा- न्यारा
सिंगरौली — Commissioner RP Singh imposed the municipal corporation’s Lanka: सीएम शिवराज सिंह चौहान भले ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए हर कोशिश कर रहे हैं ऑनलाइन टेंडर जारी किए जा रहे हैं धरोहर राशि भी ऑनलाइन जमा होगी और इनकी वापसी होगी लेकिन नगर निगम विभाग का हर जगह कमीशन रेट तय हैं कमीशन दिया तो भुगतान नहीं तो फाइल को लटका दिया जाता है। ठेकेदार भी परेशान है नगर निगम में ठेकेदारों के द्वारा किए गए कार्यों का भुगतान करने वह फाइलें मंजूर करने के नाम पर कमीशन खोरी का खेल चल रहा है। चर्चित और विवादित कमिश्नर आरपी सिंह आने के बाद कोटेशन फाइलों की झड़ी लगा दिए बताया जा रहा है कि अब तक करोड़ों रुपए कोटेशन के नाम पर फूंक दिए गए हैं। अब लोग कह रहे हैं कि कमिश्नर आरपी सिंह नगर निगम की लंका लगा दी है।
बता दें कि चर्चित और विवादित कमिश्नर आरपी सिंह जिले में आए तो तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है कुछ लोगों ने कहा कि जब जनप्रतिनिधियों ने इन्हें धक्का मारकर यहां से हटाया था फिर क्या वजह हुई कि यह दोबारा सिंगरौली नगर निगम कमिश्नर बनकर दूसरी पारी खेलने के लिए यहां आए। जानकार तो यहां तक कहते हैं कि कमिश्नर आरपी सिंह सिंगरौली में 20-20 मैच खेलने आए हैं उन्हें शहर के विकास से कोई सरोकार नहीं है वह सिर्फ अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं ऐसे में जिले का बंटाधार होना भी तय माना जा रहा।
फर्जी कोटेशन के नाम पर करोड़ों रुपए फूके !
बताते हैं कि नए कमिश्नर के आने के बाद से अब तक कोटेशन के करीब एक करोड़ से ज्यादा के काम हो चुके हैं पहले इन फर्जी कोटेशन के कामों में 50% तक का काम मौके पर होता था बाकी 50% की रकम एसडीओ, इंजीनियर, अकाउंटेंट, ठेकेदार बाबू ऑपरेटर में बट जाता था लेकिन नए कमिश्नर के आने के बाद अब इन कोटशन के कामों में करीब 80% अधिकारी कर्मचारियों का पर बंदरबांट किया जा रहा है मात्र 20 परसेंट उक्त काम में लगाए जाते हैं जिस काम के लिए कोटेशन जारी किया गया है।
कमीशन दिया तो भुगतान नहीं तो लटकी फाइल नगर निगम की कमीशन खोरी से ठेकेदार भी परेशान है ठेकेदारों के द्वारा किए गए कार्यों का भुगतान करने वह फाइलें मंजूर करने के नाम पर कमीशन खोरी का खेल चल रहा है। फर्जी कोटेशन बनाकर राशि की बंदरबांट करने मामले में कई अधिकारी लिप्त हैं एक जेई तो करीब 25 से 30 कोटेशन तैयार कर रखे हैं। नगर निगम के आला अधिकारी से लेकर अकाउंट ऑफीसर तक में करीब 80% राशि नगर निगम के अधिकारियों में बंदरबांट हो जाती है बाकी 20% ठेकेदार को बचता है।