रिलायंस कैपिटल को अच्छी कीमत पर बेचने की संभावना
गौतम अडानी की कंपनी ने भी लगाई बोली
अनिल अंबानी की कंपनी को खरीदने के लिए इंडस्ट्री के बड़े चेहरे सामने आए हैं। अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस कैपिटल को खरीदने के लिए कुल 54 कंपनियों ने बोली लगाई है।खरीदारों की सूची में बड़े नाम अदानी फिनसर्व, केकेआर, पिरामल फाइनेंस, पूनावाला फाइनेंस, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, टाटा एआईजी, एचडीएफसी एर्गो और निप्पन लाइफ इंश्योरेंस शामिल हैं। इन कंपनियों ने रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के अधिग्रहण में दिलचस्पी दिखाई है। बता दें, रिलायंस कैपिटल लिमिटेड अनिल अंबानी की प्रवर्तित कंपनी है।
कई बैंक खरीदार भी आये सामने
सूत्रों के मुताबिक बोली लगाने वाली अन्य कंपनियों में यस बैंक, बंधन फाइनेंशियल होल्डिंग्स, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट, ओक ट्री कैपिटल, ब्लैकस्टोन, ब्रुकफील्ड और टीपीजी शामिल हैं। रिलायंस कैपिटल के लिए ईओआई की पेशकश करने वाली अन्य कंपनियों में अर्पवुड, वर्डे पार्टनर्स, जेसी फ्लावर्स, ओकट्री, अपोलो ग्लोबल, ब्लैकस्टोन और हीरो फिनकॉर्प शामिल हैं।
पहली रिलायंस कैपिटल के लिए अंतिम बोली की तारीख 11 मार्च थी, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त एक प्रशासक द्वारा 25 मार्च तक बढ़ा दिया गया था। बता दें कि ज्यादा बोलियों से रिलायंस कैपिटल को बेहतर दाम मिलने की उम्मीद है। क्योंकि टेकओवर की दौड़ में गौतम अडानी समेत कई बड़े खिलाड़ी हैं
ज्यादातर कंपनियां पूरी हिस्सेदारी चाहती हैं
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर बोली लगाने वाली कंपनियों ने रिलायंस कैपिटल के पूर्ण अधिग्रहण के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) दिया है। कुछ अन्य कंपनियों ने रिलायंस कैपिटल की एक या दो सहायक कंपनियों के लिए बोली लगाई है। बोली लगाने वालों के पास दो विकल्प थे। वे पूरे आरसीएल के लिए या एनबीएफसी कंपनियों में से किसी एक की सहायक कंपनी के लिए बोली लगा सकते थे।
रिलायंस कैपिटल की सहायक कंपनियों में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस, रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस, रिलायंस सिक्योरिटीज, रिलायंस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी, रिलायंस होम फाइनेंस और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस शामिल हैं। इस बीच शुक्रवार को एनएसई पर रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital Stock Price) के शेयर 2.88 फीसदी की तेजी के साथ 14.30 रुपये पर बंद हुए. सोमवार को भी शेयर में तेजी देखने को मिल सकती है।
बतादे कि आरबीआई ने पिछले साल 29 नवंबर को भुगतान में चूक और परिचालन संबंधी मुद्दों पर रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को भंग कर दिया था। यह तीसरी सबसे बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है जिसके खिलाफ केंद्रीय बैंक ने दिवालियापन और दिवाला संहिता के तहत कार्यवाही शुरू की है।