Pure mustard oil will not be available in India : मोदी सरकार ने 1 अक्टूबर 2020 से सरसों के तेल में अन्य वनस्पति तेल के मिलावट को बंद करने के लिए बड़ा फैसला लिया था इसके बाद सरकार के फैसले से लोगों में खुशी का माहौल था लेकिन अब उनके इस खुशी में एक बार फिर ग्रहण लगता नजर आ रहा है अब चर्चा है कि खाद तेलों में अगर किसी दूसरे वनस्पति तेल की ब्लीडिंग की जाती है तो इसकी जानकारी कंपनियों को सिर्फ पैकेट में देनी होगी ऐसे में देश में उन कम साक्षर लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ेगा जो पढ़ना लिखना नहीं जानते।
Pure mustard oil will not be available in India : बता दे की पिछले दिनों भाजपा की मोदी सरकार ने तेल को शुद्ध बेचने का फैसला कर लिया है यानी देश में आपको सरसों के तेल में कोई मिलावट नहीं मिलेगी यानी आपको शुद्ध सरसों का तेल मिलेगा। लेकिन अब सरकार के एक नए फैसले से सरसों के शुद्ध तेल मिलने की उम्मीद पर पानी फिर गया।
बता दें कि मोदी सरकार के FSSAI को स्पष्ट तौर से निर्देश दिए हैं। अब Food Safety and Standards Authority of India यानी FSSAI ने सरसों के तेल को शुद्ध बनाने के लिए एक नया कदम उठाया है. Mustard Oil को तैयार करते वक्त अब कंपनियों द्वारा इसमें कोई भी दूसरा Vegitable Oil यानी दूसरा वनस्पति मिल नहीं मिलाया जाएगा. 1 अक्टूबर 2020 से 100% शुद्ध सरसों के तेल ही तैयार होगा। लेकिन अब खबर आ रही है कि खाद्य तेलों का उत्पादन कर रही कंपनियों के लिए सरकार ने नई गाइडलाइन जारी किया है। जिसमें खाद्य तेलों में अगर किसी दूसरे वनस्पति तेल की ब्लेंडिंग की जाती है तो इसकी जानकारी अब कंपनियों को पैकेट पर देनी होगी कि उसमें कितना फीसदी और कौन से तेल का मिश्रण किया गया है। इसके अलावा ब्लेंडिंग वाले खाद्य तेलों की खुले रूप में बिक्री पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है यानी इनकी बिक्री सिर्फ सील पैकिंग में ही होगी। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 5 जुलाई, 2023 को एक अधिसूचना जारी कर इसे अनिवार्य कर दिया है। कृषि उपज (श्रेणीकरण एवं चिन्हनांकन) अधिनियम, 1937 के तहत इसे अधिसूचित किया गया है।
इंग्लिश कम पढ़े-लिखे लोगों की चिंता
सरकार के इस फैसले से अब पढ़ें लिखे उपभोक्ताओं को खाने का तेल खरीदते समय यह फैसला करने में आसानी होगी कि कौन सा तेल शुद्ध है और किसमें ब्लेंडिंग किया गया है। लेकिन भारत देश में अभी भी एक बड़ा तबका कम पढ़ा लिखा या फिर पढ़ा लिखा ही नहीं है जिसे अंग्रेजी शब्दों का ज्ञान हो। ऐसे में निश्चित तौर पर उन लोगों को तेल के मिलावट के बारे में कम जानकारी होगी और उनके स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में ब्लेंडिंग को लेकर कई नए प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत ब्लेंडिंग वाले तेल की बिक्री इसमें मिश्रित किए गए रिफाइंड तेलों के सामान्य या जेनेरिक नाम से नहीं की जाएगी, बल्कि इसकी बिक्री बहु-स्रोत खाद्य तेल या समय-समय पर खाद्य सुरक्षा और मानक विनियम (एफएसएसआर) में उल्लिखित किसी अन्य नाम से की जाएगी।Pure mustard oil will not be available in India :
कंपनियों को दिए यह निर्देश
अधिसूचना में ब्लेंडिंग वाले खाद्य तेल के पैकेटों पर दी जाने वाली जानकारी को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसके मुताबिक, पैकेट पर ब्रांड नाम या ट्रेड नाम के ठीक नीचे खाद्य वनस्पति तेल का नाम, उसका स्वरूप (परिष्कृत या कच्चा) और ब्लेंडिंग का प्रतिशत देना अनिवार्य होगा। इसके अलावा पैकेजिंग लेबल पर अति परिष्कृत, अतिरिक्त परिष्कृत, सूक्ष्म परिष्कृत, डबल परिष्कृत, अल्ट्रा परिष्कृत जैसे किसी शब्द का प्रयोग नहीं किया जाएगा। अधिसूचना में कहा गया है कि ब्लेंडिंग वाले खाद्य तेलों की बिक्री खुले रूप में नहीं की जाएगी। इनकी बिक्री सिर्फ सील किए गए पैकेजों, जिनका वजन 15 लीटर या 15 किलो से अधिक नहीं होगा, में की जाएगी। बहु-स्रोत खाद्य तेलों का कंटेनर टेंपर प्रूफ होगा।
सरसों के तेल में मिलावट खत्म करने के लिए लिया था फैसला
FSSAI सामाजिक परिवार कल्याण के लिए काम करता है। यह खाने पीने वाली सामग्रियों की गुणवत्ता पर नजर रखता है। सरकार को शिकायत मिली थी कि सरसों के तेल में घटिया मिल की मिलावट होती है जिसका कलर सरसों के तेल के कलर जैसा पीला होता है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है ऐसे में सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। गौरतलब है कि FSSAI में ऐसी कंपनियों को दिशा निर्देश जारी किया था जिन कंपनियां पास सरसों के तेल में अन्य वनस्पति तेल मिलाने का लाइसेंस था उनके पास संभावना थी कि शायद अन्य वनस्पति का पुराना स्टाफ को ऐसे में वह अलग-अलग तेल तैयार कर बेचने की अनुमति देता है साथ ही इसके लिए जरूरी आवश्यक परमिशन लेने की भी हिदायत दी है। यानी आप किसी भी सस्ते वनस्पति तेल को सरसों के तेल में मिलना अब गैरकानूनी होगा। दरअसल सरकार को शिकायत मिली थी कि सरसों के शुद्ध तेल में पाम आयल, पामोलिन, भूसी का तेल और सोया तेल मिलाया जाता है। यह सभी वनस्पति तेल सरसों के तेल के मुकाबले काफी सस्ते होते हैं। FSSAI ने पिछले दिनों करीब 4500 कंपनियों के तेल का सैंपल लिया था जिसमें मानक से अधिक सस्ता वनस्पति का तेल मिलाया गया था। Pure mustard oil will not be available in India
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