सीएनडी घोटाला के बाद कर्मचारियों का ईपीएफओ खा गया सिटाड़ेल ईस्वम का मालिक
कई साल से दो दर्जन से ज्यादा कर्मचारियों का शोषण
कर्मचारियों ने की निगम आयुक्त से जाँच कराकर ईपीएफओ दिलाने की मांग
सिंगरौलीl नगर पालिक निगम सिंगरौली में डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम कर रही सिटाड़ेल ईस्वम कंपनी द्वारा सीएनडी घोटाले के बाद कर्मचारियों का ईपीएफओ कटौती में भी घोटाला किये जाने का मामला प्रकाश में आया है। कर्मचारियों ने नगर निगम आयुक्त से जाँच कराकर ईपीएफओ दिलाये जाने की मांग की हैl सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पालिक निगम सिंगरौली में डोर टू डोर कचरा संग्रहण कर रही सिटाड़ेल ईस्वम कंपनी द्वारा कंपनी में कार्यरत लगभग दो दर्जन से ज्यादा कर्मचारियों का ईपीएफओ नहीं दे रही है।जिससे कर्मचारियों में आक्रोश का माहौल है। बताया जाता है कि कंपनी प्रबंधक रावेन्द्र सिंह और नगर निगम के स्वछता प्रभारी और कुछ अन्य कर्मचारियों की साँठगांठ के चलते कुछ चुनिंदा कर्मचारियों को छोड़कर कई सालों से दो दर्जन से ज्यादा कर्मचारियों का भविष्य निधि कटौती का पैसा उनके ईपीएफओ खाते में जमा करने के बजाय डकार लें रहा है। मसलन कर्मचारियों के हक़ पर सीधा डाका डाला जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जब से नगर निगम सिंगरौली में सिटाड़ेल ईस्वम कंपनी डोर टू डोर कचरा संग्रहण का कार्य कर रही है तब से सैकड़ो कर्मचारियों का भविष्य निधि का पैसा खा निगम अधिकारियो की मिली भगत से कई लाख रूपये डकार गयी है।
साँठगांठ कर लाखों रुपये डकार गयी कंपनी
बताया जाता है कि शासन द्वारा किसी फर्म में कार्य कर रही कंपनी के प्रत्येक कर्मचारी का भविष्य निधि कटौती का खाता खुलना चाहिए और उसके खाते में ईपीएफओ का पैसा जमा किया जाना चाहिए।लेकिन सिटाड़ेल कंपनी के संचालक और प्रबंधक रावेन्द्र सिंह द्वारा निगम कर्मचारियों और अधिकारियो से साँठगांठ कर दो दर्जन से ज्यादा कर्मचारियों का पैसा डकार गया है।
नगर निगम कर्मचारियों के परिजनों को नौकरी
बताया जाता है कि सिटाड़ेल का प्रबंधक रावेन्द्र सिंह लम्बे अर्से से नगर निगम की स्वछता के ठेका कम्पनी से जुडा रहा है। जों नगर निगम के कर्मचारियों अधिकारियो के परिजनों को नौकरी देकर उनसे मनमाफीक बिल बाउचर बनवाकर नगर निगम को चूना लगाता आ रहा है । जिसकी जाँच करायी गयी तो परत दर परत पोल खुलती नजर आएगी।
आयुक्त से जाँच की मांग
नाराज कर्मचारियों ने नगर निगम की नवागत आयुक्त से जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करने और लंबित ईपीएफओ का पैसा उनके खाते में जमा कराये जाने की मांग की गयी हैl