सिंगरौली: रीवा रेंज के आईजी गौरव राजपूत ने नशीले सिरप के अवैध कारोबार पर पुलिसकर्मियों को खुली चेतावनी देकर व्यवस्था को झकझोर दिया है। गली-गली में शीशियां और गांजा की पुड़िया मिलती हैं, और थाना प्रभारी कहें कि जानकारी नहीं है ये कैसे संभव है। आईजी का यह बयान न सिर्फ रीवा बल्कि पूरी रेंज के लिए संदेश के साथ पुलिस को सुधारने की चेतावनी है। उन्होंने साफ कहा 15 दिन में सुधर जाएं, वरना परिणाम भुगतने होंगे। लेकिन सवाल वही जब हर गली में नशा बिकता है तो थानेदार अनजान कैसे?
अब सवाल सिंगरौली पर भी उठ रहे हैं। क्योंकि हालात यहां भी कुछ अलग नहीं। शहर से गांव तक अवैध नशे का नेटवर्क फैला है—गांजा, कफ सिरप, ब्राउन शुगर और शराब तक की सप्लाई चेन चर्चा में रहती है। यहां यूपी और छत्तीसगढ़ के रास्ते न केवल सिंगरौली में बल्कि पड़ोसी जिलों में सप्लाई होती है। जिले भर में कई इलाकों में खाली शीशियां, पाउच, पत्ते की चिलम सहित नशीले पदार्थों के साक्ष्य खुलेआम मिलते हैं पर कार्रवाई शून्य हैं।
बता दें कि पुलिस छोटे-मोटे नशे के अवैध कारोबारी को पकड़ कर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर खुद की पीठ थपथपाती है जबकि हकीकत यह है कि यह कार्यवाही कागज़ों में ज्यादा, ज़मीन पर कम दिखती है। इसका जीता जागता सबूत चितरंगी थाना हैं।
दरअसल जिला पंचायत सदस्य अशोक सिंह पैगाम चितरंगी थाना क्षेत्र में हर गली चौराहे पर बिक रहे गांजा, कोरेक्स और हेरोइन के नशे से इस कदर परेशान हुए की कल गुरुवार को उन्होंने कलेक्टर गौरव बैनल से लिखित शिकायत कर अवैध नशा के कारोबार को रोकने के लिए गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि स्थानीय शिकायतों के बाद भी परिणाम ठोस नजर नहीं आते। नाबालिक छात्रा नशे के गिरफ्त में फसते जा रहे हैं।
आईजी राजपूत का यह बयान सिंगरौली पुलिस और आबकारी विभाग पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है। खास बात यह कि आईजी पदभार ग्रहण करने के बाद अब तक सिंगरौली का दौरा नहीं हुआ है। ऐसे में जनता अब यही कह रही कि नशें के खिलाफ सिंगरौली में कब जंग शुरू होंगी।
यूपी–एमपी बॉर्डर बना नशे का कॉरिडोर
यूपी–एमपी सीमा से सटे चितरंगी और गढ़वा थाना क्षेत्र नशे के गिरोहों के लिए सबसे सुरक्षित मार्ग बन चुके हैं। कोरेक्स, हेरोइन और गांजा की खेप इन्हीं रास्तों से सिंगरौली, सीधी और रीवा तक पहुंच रही है। सवाल यह जब बॉर्डर सक्रिय ट्रांजिट पॉइंट है, तो स्थानीय थाना प्रभारियों को खबर क्यों नहीं? क्या वाकई अनजान हैं या फिर मिलीभगत की परतें गहरी हैं? यदि सीमा चौकियों पर निगरानी सख्त हो जाए तो नशे के सिंडिकेट पर तगड़ा वार संभव है। सिंगरौली अब भी इंतज़ार में है कि कब आईजी बॉर्डर बेल्ट पर सख्ती दिखाएंगे।
निवास पुलिस ने पकड़ा था 820 सीसी कोरेक्स
निवास चौकी पुलिस ने 23 अगस्त को नशे की बड़ी खेप पकड़ी थी, पुलिस ने बोलेरो सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था जबकि मुख्य आरोपी सहित दो फरार हो गए थे, पुलिस ने बताया था कि यह कोरेक्स सिर्फ बनारस से आ रही थी। हालांकि पुलिस मुख्य आरोपी को नहीं पकड़ पाई जिससे यह पता नहीं चल सका कि सिंगरौली किस रूट से आया। अभी भी मुख्य आरोपी सहित दो फरार बताए जा रहे।
