भाभी के साथ भाई को संदिग्ध हालत में देख भड़का विवाद, वारिस बनने की लालसा में रची खतरनाक साज़िश
सिंगरौली। नायलॉन रस्सी से गला घोंटकर की गई संजीत शाह की हत्या का कोतवाली पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। मामला शुरू में आत्महत्या के रूप में दर्ज कराया गया था, लेकिन पीएम रिपोर्ट और पूछताछ के दौरान मिले विरोधाभासों ने पूरे परिवार की बनायी कहानी की पोल खोल दी। पुलिस टीम ने वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर घटना का सच सामने लाते हुए मृतक के छोटे भाई कृष्णा प्रसाद शाह को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। हत्या का खुलासा सीएसपी पन्नू सिंह परस्ते ने कोतवाली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी।
बता दें कि घटना 28 नवंबर की रात कंजी, चौकी खुटार क्षेत्र की है। जानकारी के अनुसार संजीत रात में शराब के नशे में घर लौटा, मां को तीन हजार रुपये दिए और कमरे में सो गया। अगले दिन उसका शव संदिग्ध अवस्था में मिलने की सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम किया था। लेकिन 30 नवंबर को प्राप्त पीएम रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि मौत का कारण फांसी नहीं बल्कि एंटी मॉर्टेम स्ट्रैंगुलेशन यानी गला घोंटना है। इससे हत्या की पुष्टि हुई और चौकी प्रभारी शीतल यादव ने जांच तेज कर दी।
सीएसपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान सूचनाकर्ता कृष्णा के बयान शुरू से संदिग्ध रहे। पहले उसने कहा कि संजीत कमरे में चित अवस्था में पड़ा मिला, बाद में बयान बदलते हुए बताया कि दरवाजा तोड़कर देखने पर भाई फांसी पर लटका मिला। इसी विरोधाभास ने पुलिस को संदेह में डाल दिया। कड़ी पूछताछ में कृष्णा ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि रात करीब 11 बजे उसने कमरे में जाकर नायलॉन रस्सी और दोनों अंगूठों से दबाकर संजीत की हत्या की।
कृष्णा ने पुलिस को बताया कि संजीत शराब और मछली में लगातार कमाई उड़ा देता था। कुछ दिन पहले मृतक ने अपने भाई रामकरण को भाभी के साथ संदिग्ध स्थिति देख ली थी, जिससे विवाद बढ़ गया था। साथ ही पिता द्वारा खरीदी गई जमीन में एकमात्र वारिस बनने की लालच ने भी हत्या को अंजाम देने में भूमिका निभाई। खुलासा करने वाली पुलिस टीम को उत्कृष्ट कार्य के लिए 10 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित किया गया है।
पूरे परिवार ने फांसी की झूठी रची कहानी
हत्या के बाद परिवार ने षड्यंत्र रचते हुए फांसी की झूठी कहानी तैयार की। इसके लिए सुबह घरवालों ने दरवाजा तोड़ने का नाटक किया, रस्सी लगाकर फांसी जैसा दृश्य बनाया और पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट और घटनाक्रम में लगातार आ रहे विरोधाभास ने पूरी साज़िश खोलकर रख दी। पुलिस ने कृष्णा प्रसाद शाह (24 वर्ष) को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि सोना शाह, सुनीता शाह, रामभजन शाह और मोतीलाल शाह को जमानत पर छोड़ दिया गया है।
खुलासा करने में इनकी रही भूमिका
खुलासा करने वाली टीम में नगर पुलिस अधीक्षक पी.एस. परस्ते, निरी. अशोक सिंह परिहार बैढन, उ.नि. उदयचन्द करिहार, शीतला यादव, सउनि. मनीष सिंह, दिनेश तिवारी, राय सिंह, गणेश मीणा, रावेन्द्र सिंह, लक्ष्मीकान्त मिश्र, के. बी. सिंह, आरक्षक अभिमन्यु उपाध्याय, संजू धूर्वे, नन्दलाल यादव, विनोद शाक्य, गौरव यादव, म.प्र.आर. सोहगिया पटेल, म.आर. प्रियंका दुबे, वन्दना तिवारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
