बाहर से सिंगरौली में आकर समाजसेवा करने वाले कथित सज्जनोंं का प्रशासन खंगाले उनकी कुण्डली,प्रशासन के इर्द-गिर्द मडऱाते रहते हैं ऐसे कथित समाजसेवी
सिंगरौली 13 अप्रैल। बिहार,रांची प्रांत से आकर समाजसेवी का चोला पहन जीपी पैलेस होटल के संचालक चंदन सोनी का क्रियाकलाप किसी से छुपा नहीं है और वह कलकत्ता एसटीएफ के शिकंजे में है। तो वहीं सिंगरौली में एक साल से एक और समाजसेवी इन दिनों प्रशासन के आगे पीछे खूब आव भगत कर रहा है। चर्चा है कि इसके भी क्रियाकलापों की कुण्डली प्रशासन खंगाले। ताकि पता चल सके कि वास्तविक समाजसेवी है या फिर समाजसेवा का चोला पहनकर सिंगरौली वासियों को चूना लगाने का काम कर रहा है। हालांकि प्रशासन भी अभी तक ऐसे ढकोसले समाजसेवियों की कुंडली खंगालने में कोई रूचि नहीं लिया है और बाद में जब ऐसे समाजसेवी खुंखार अपराधी प्रवृत्ति के निकल जाते हैं तो प्रशासन खुद अपना माथा पिटने लगता है।
गौरतलब हो कि सिंगरौली ऐसा जिला है जो सभी के लिए पनाहगार है। यहां जो आता है यहीं का रह जाता है। अच्छी कमाई के साथ-साथ सोहरत कमाने में लोग जुट जाते हैं। कुछ ऐसा ही चंदन सोनी का भी मामला जुड़ा हुआ है। चंदन बिहार प्रांत से सिंगरौली पहुंचा और सिंगरौली में अपनी पैठ जमाते हुए किराये से जीपी पैलेस होटल का संचालन करने लगा और धीरे-धीरे समाजसेवा के कार्य में भागीदारी निभाने लगा। जब उसने देखा कि मेरी पैठ पुलिस व प्रशासन में अच्छी हो गयी है तो भू-माफिया जैसे कार्य में भी जुट गया था। किसी को कानो-कान खबर नहीं थी कि यह अपराधी है। लेकिन कोतवाली की एसटीएफ टीम जब सिंगरौली पहुंची और उसे गिरफ्तार की तो पुलिस व प्रशासन में हड़कम्प मच गया था। सिंगरौली में जब से चंदन पैर रखा था तब से समाजसेवा का बीणा उठाते हुए पुलिस एवं प्रशासन का भी खूब सेवा सत्कार कर रहा था और सबका चहेता व दुलारा बना हुआ था। उसके इस करतूत का जब भण्डाफोड़ हुआ तब सिंगरौली जिले में जोर-शोर से मांग उठने लगी कि दूसरे प्रांतों से यहां आकर समाजसेवी का चोला पहनकर प्रशासन व आमजनों का सेवा सत्कार करने वाले ऐसे कथित समाजसेवियों की कुण्डली खंगाली जाय, नहीं तो चंदन जैसे खुंखार अपराधी निकलने पर प्रशासन की फिर से किरकिरी न होने लगे।
समाजसेवी बढ़-चढ़कर ले रहे हिस्सा
पिछले साल भी कोरोना काल के दौरान एक चर्चित समाजसेवी खूब बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा था। खासतौर पर पुलिस एवं प्रशासन के पास खूब मास्क एवं सेनेटाईजर व सेनेटाईजर मशीन का वितरण कर वाहवाही बटोर रहा था और उस दौरान यही प्रशासन उसके इस कार्यप्रणाली की प्रशंसा भी कर रहे थे। अब जिले में जैसे ही कोरोना वायरस सक्रिय हुआ उसी गति से कथित समाजसेवी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए जगह-जगह मास्क का वितरण कर अन्य गतिविधियों में हिस्सा ले रहा है। इसकी कुंडली भी नहीं खंगाली गयी है। हालांकि यह कथित समाजसेवी के क्रियाकलाप किसी से छुपा नहीं है। सिंगरौली पुलिस व प्रशासन की आंख में धूल झोककर ऊर्जाधानी वासियों को आर्थिक चूना लगाने मेें कोई कोर कसर नहंी छोड़ा है और उसी अपनी काली करतूत पर पर्दा डालने तथा लोगों का ध्यान भटकाने की नियत से समाजसेवी का बीणा उठा लिया है।
प्रशासन को सबक लेने की है जरूरत
ऊर्जाधानी प्रदेश व देश का ऐसा गढ़ है जहां हर प्रांत के लोग रह रहे हैं। कौन सही है और कौन अपराधी है किसी को पता नही है। पुलिस प्रशासन कहता है कि अन्य प्रांतों से सिंगरौली में आकर रहने वाले लोगों की जानकारी संकलित कर डाटा बेस तैयार करें। यह तो सिंगरौली पुलिस का कहना है। लेकिन चंदन सोनी भी सिंगरौली में ही रह रहा था। आखिर जब से सिंगरौली में कदम रखा तब से लेकर उसके गिरफ्तारी के पूर्व तक आखिर कुंडली खंगालने में पुलिस कैसे चूक हुई। कुछ ऐसे ही समाजसेवी के नाम का चोला पहनकर पुलिस व प्रशासन के इर्द-गिर्द मडऱाने वाले ऐसे कथित समाजसेवियों की कुंडली आखिर पुलिस प्रशासन कब खंगालेगी। ऐसे में चंदन सोनी के करतूतों के उजागर होने के बाद प्रशासन को सबक लेने की सख्त जरूरत है।