सीधी। जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही और मरीजों को मिल रही समस्याओं के विरोध में शिवसेना प्रदेश उपाध्यक्ष विवेक पांडेय ने सिविल सर्जन डॉ. एस.बी. खरे के मुंह पर कालिख पोत दी। इस घटना का वीडियो सामने आते ही मामला तूल पकड़ चुका है। वीडियो में पांडेय और उनके समर्थक ‘जय भवानी, जय शिवाजी’ के नारे लगाते नजर आ रहे हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लंबे समय से अस्पताल में इलाज व व्यवस्थाओं की कमी की शिकायतें मिलती रही हैं। बताया गया कि पांडेय निजी संस्थान में पहुंचे, जहां डॉ. खरे मौजूद थे। वहीं उन्होंने नाराजगी जताते हुए उनके चेहरे पर कालिख लगा दी। घटना के बाद डॉ. खरे ने आपत्ति जताते हुए कहा कि कालिख उनकी आंख में चली गई। जवाब में पांडेय ने कहा कि कपड़े से पोंछ लें और पानी मंगवाया.
यह मामला सार्वजनिक होने के बाद प्रशासनिक तंत्र में हलचल है। विरोध जताने की इस शैली ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं—क्या सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की खामियों पर ध्यान दिलाने का यही तरीका होना चाहिए? क्या लोकतंत्र में असहमति दर्ज कराने के लिए कानून हाथ में लेना जायज है?
स्थानीय बुद्धिजीवियों व सामाजिक संगठनों का कहना है कि अस्पताल की समस्याएं गंभीर हैं, परंतु किसी अधिकारी के साथ इस तरह की कार्रवाई प्रशासनिक गरिमा व कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है। उधर, लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार जरूरी है और प्रशासन को शिकायतों पर संज्ञान लेना चाहिए ताकि नागरिकों को सम्मानजनक और सुरक्षित चिकित्सा सुविधा मिल सके।
