Jayawardhan : ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी में गए भले ही एक अरसा बीत गया हो, लेकिन वो अब भी कांग्रेस नेताओं के निशाने पर रहते हैं। दिग्विजय सिंह के बेटे और कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने सिंधिया का नाम लिए बगैर उन्हें पनौती कहा है.
Jayawardhan : भोपाल में हो रहे कांग्रेस के सम्मेलन में दिग्विजय सिंह के बेटे और गुना की राघौगढ़ विधानसभा सीट से विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा, ‘ग्वालियर की पनौती’ भाजपा में चली गई, इसी वजह से ग्वालियर में 57 साल बाद कांग्रेस का मेयर बन पाया है। दैनिक भास्कर ने जब उनसे पूछा ये इशारा किसके लिए था, तो वह टाल गए। बोले- मैं तो स्पष्ट यही कह रहा हूं कि जो परिणाम आया है, आपके सामने है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा में शामिल हुए एक साल बीत चुका है, लेकिन अभी भी कांग्रेस नेताओं के निशाने पर हैं. और कांग्रेसी उन्हें छोड़ने का नाम नहीं ले रहे हैं. दिग्विजय सिंह के बेटे और कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने सिंधिया का नाम लिए बिना फिरौती के लिए फोन किया. जिस कारण राजनीति के गलियारों में खलबली मच गयी हैं. और हर तरफ यही चर्चाये चल रही हैं. और लोंगो के पास इस बारे में ज्यादा जानकारी न होने के कारण वे इसकी अन्य जगहों से जान कारी प्राप्त करने की कोसिस कर रहे हैं. Jayawardhan
दिग्विजय सिंह के बेटे और गुनार राघोगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक जयवर्धन सिंह ने भोपाल में आयोजित कांग्रेस सम्मेलन में कहा, ‘ग्वालियर की तपस्या भाजपा को गई, जिसके कारण कांग्रेस 57 साल बाद ग्वालियर की मेयर बनी. जब दैनिक भास्कर ने उनसे पूछा कि इशारा किसके लिए है, तो उन्होंने टाल दिया. और उन्होंने इस सवाल का उल्टा जवाब पेश किया था. जिस कारण लोंगो के जहन में सक की बात आ रही हैं. उन्होंने कहा- मैं साफ कह रहा हूं कि और यह नतीजा आपके सामने है. Jayawardhan
जयवर्धन ने कहा कि मूल बात यह है. कि कांग्रेस 57 साल बाद ग्वालियर में जीती है. सिंधिया जी जब बीजेपी में गए थे. तो बात थी अब कांग्रेस खत्म हो गई है. ग्वालियर-चंबल ने अगर इतने शानदार नतीजे हासिल किए हैं, तो वह मजदूरों की मेहनत का नतीजा है. और इसमे जनता का पूर्ण योगदान हैं. Jayawardhan
भोपाल में कांग्रेस ने नगर निकाय चुनाव में मिली सफलता पर यह सम्मेलन बुलाया. कांग्रेस ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, मुरैना में मेयर बनाने में सफल रही. सम्मेलन में मेयर्स को सम्मानित किया गया. पार्षदों को लगातार 4-5 बार सम्मानित भी किया जाता है. यह मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी सम्मेलन में भाग लेने वाले पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ 2023 में होने वाली विधानसभा पर चर्चा की. तथा अन्य मुद्दे पर भी बेहतर और अच्छी जानकारी दी हैं. Jayawardhan
कांग्रेस को नहीं पता हीरा और पताका में अंतर: मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया
कमलनाथ ने कार्यकर्ताओं से कहा, अगर आराम करना है. तो कहो कि मैं भी आराम करूंगा. देश की संस्कृति को बचाना एक बड़ी चुनौती है. इस संस्कृति की रक्षा के लिए 2023 का चुनाव होगा. विकास के मुद्दे होंगे, लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा यह होगा कि समाज कैसे बांटने की कोशिश किया जा रहा है. Jayawardhan
‘महाकाल लोक’ के शुभारंभ के अवसर पर आये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि उनका अभ्यास इवेंट मैनेजमेंट है. बच्चा किसी के पास रहता है और वे मिठाई बांटते हैं. कमलनाथ ने एक बार फिर प्रशासनिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम शोर करने वालों को नहीं भूलेंगे. उन्हें पता है. कि 11 महीने में क्या होने वाला है. और लगो के लिए क्या अच्छा और बेहतर होगा या बूरा होगा ये तो आगे आने वाला समय ही बताएगा. और इससे लोंगो को क्या फायदा होगा आगे के समय में पता चलेगा. Jayawardhan
सज्जन वर्मा का विवादित भाषण
सज्जन वर्मा ने विवादित रूप से कहा कि इंदिरा गांधी को गोली मार दी गई थी, राजीव गांधी को उड़ा दिया गया था, नरेंद्र मोदी को बताया जाना चाहिए कि इस तरह के बलिदान उनके वंश में हैं. अगर हैं तो बता दीजिये. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल ने कहा कि राहुल गांधी ने बीजेपी के लिए चुनौती खड़ी कर दी है, 4000 किमी चलकर दिखा दीजिए. राहुल गांधी को चने के रूप में मत लो, वे लोहे के चने हैं, आप इसे चबा नहीं सकते. Jayawardhan
…उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था
जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह ने कहा कि जिस दिन कमलनाथ की सरकार गिरी, उन्हें रोता देखकर प्रण लिया कि जब तक कमलनाथ को दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे. रीवा मेयर ने कहा- अब रीवा से बनेगी कांग्रेस की सरकार, मुख्यमंत्री होंगे कमलनाथ. ग्वालियर की मेयर शोभा सिकरवार ने कहा, “अगर कमलनाथ मुझ पर भरोसा करें. तो ग्वालियर की जनता 30,000 वोटों से जीताएगी और 57 साल का रिकॉर्ड तोड़ देगी. इस बार विधानसभा चुनाव में हमें रिकॉर्ड तोड़ जीत मिलेगी. इस प्रकार का उनका अभिभासन काफी जोश भरा था. और इस पर लोंगो का काफी अच्छा रेस्पोंस भी मिल रहा हैं. Jayawardhan
छिंदवाड़ा के मेयर विक्रम अहके ने कहा, मैं सबसे कम उम्र का अभ्यर्थी होने के साथ-साथ सबसे गरीब उम्मीदवार भी था. मेरी पत्नी की जेवर समेत पूरी संपत्ति साढ़े तीन लाख की थी. मुझे आशा नहीं थी. कि मेरे जैसा गरीब आदिवासी मेयर बन सकता है. कमलनाथ जी ने मेरा काम देखा है. 18 साल बाद कांग्रेस छिंदवाड़ा की मेयर बनी.
महापौर से लेकर पार्षद तक हुए शामिल
राजधानी भोपाल के रवीन्द्र भवन में आयोजित नगरीय निकाय सम्मेलन सुबह 11 बजे शुरू हुआ. जिसे लेकर लोंगो के बीच खाशा उत्साह देखने को मिल रहा था. और कहा ये भी जा रहा था की यह कार्यक्रम काफी अच्छा और सफल होने वाला हैं. इसमें सुरेश पचौरी, जयवर्धन सिंह, कांतिलाल भूरिया, सांसद राजमणि पटेल, सुधांशु त्रिपाठी, एमपी कांग्रेस प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल, सीपी मित्तल, जीतू पटवारी, सज्जन सिंह वर्मा समेत कई नेता शामिल हुए. और कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जिसे देख लोग इस बारे में काफी ज्यादा मात्रा में चर्चाये भी कर रहे हैं. Jayawardhan