समाजसेवी सीएम शिवराज से नगर निगम कमिश्नर की करेंगे शिकायत
सिंगरौली । नवीन मिश्रा। विवादित कमिश्नर आरपी सिंह AC से बाहर निकल कर काम कर रहे ठेकेदारों पर निगेहबानी करते तो शायद कचनी सीवरेज हादसा में तीन मजदूरों की जान बचाई जा सकती थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। दरअसल विवादित कमिश्नर आरपी सिंह दूसरी बार जिले में आने के बाद अपने चेंबर से कभी कभार ही बाहर निकलते हैं। वह 18 डिग्री टेंपरेचर से ज्यादा होने पर वह परेशान हो जाते हैं। मंत्री या फिर मुख्यमंत्री के आने पर ही शहर में निकलते हैं उनका टाइम शेड्यूल फिक्स है। वह घर से सीधे दफ्तर, दफ्तर से घर ही जाते हैं। अब जब सीएम दौरा है तो सीवरेज का काम कर रही केके स्पंज कंपनी में अब तक 4 लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है यह मुद्दा उन तक पहुंचेगा। देखना होगा कि नगर निगम कमिश्नर व केके स्पन ने कंपनी के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।
बता दे कि ननि सिंगरौली के कचनी के सिवरेज पाइप लाइन में दम घुटने से तीन श्रमिकों की हुई अकाल मौत के बाद अब केके स्पन कंपनी प्रा.लि.के ऊपर ब्लैक लिस्टिटेड होने का खतरा मडऱाने लगा है। कार्य संबंधी डाटा भोपाल से मंगाया जा रहा है। जहां नगर निगम के अधिकारियों में हड़कम्प मचा है। वहीं 4 साल के दौरान महज 30 से 40 प्रतिशत ही सिवरेज का कार्य होने की पुष्टि की जा रही है। शेष कार्य 6 महीने के दौरान यानी 31 मार्च 2022 के अंदर कार्य पूर्ण करना होगा। ऐसे में 60 से 70 प्रतिशत निर्माणाधीन कार्य कैसे पूर्ण होगा?
CM से कमिश्नर की करेंगे शिकायत
सिंगरौली का मोह नहीं छोड़ पाए विवादित कमिश्नर आरपी सिंह की समाजसेवी शिकायत करेंगे नाम न छापने की शर्त पर समाजसेवियों ने बताया कि यदि प्रशासन को खबर लग गई थी कोई भी संगठन किसी अधिकारी की शिकायत करेगा तो पूरा जिला प्रशासन उसे रोकने में लग जाता है। यही वजह है कि कि कई सामाजिक संगठन चुपचाप गांधीवादी तरीके से सीएम शिवराज सिंह से मिलेंगे और नगर निगम कमिश्नर की कार्यप्रणाली से अवगत कराएंगे।
30 से 40 प्रतिशत ही हो पाया काम !
यहां बताते चलें कि ननि के 45 वार्डों में सिवरेज पाइप लाइन के लिए कुल रकम 110 करोड़ रूपये की मंजूरी म.प्र.शासन से वर्ष 2016-17 में मिली थी। सिवरेज निर्माण कार्य के लिए माह मार्च 2017 को विधिवत भूमिपूजन स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा किया जाकर 31 मार्च 2022 तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य दिया गया था। नगर निगम सिंगरौली के सूत्र बताते हैं कि अभी तक केवल 30 से 40 प्रतिशत ही किसी तरह कार्य पूर्ण हुआ है ! इस दौरान सिवरेज पाइप लाइन एवं टैंक के निर्माण कार्य में व्यापक पैमाने पर गुणवत्ताविहीन कार्य कराये जाने के भी आरोप लगाये जा रहे हैं।
इनका कहना है
सांसद विधायक सहित नगर निगम कमिश्नर इस घटना के जिम्मेदार हैं इसके पहले भी एक मौत हो चुकी है लेकिन कंपनी प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। सीवरेज भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। कमिश्नर दूसरी बार आकर भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा पार कर दिए हैं।
प्रवीण सिंह चौहान, पूर्व जिलाध्यक्ष, युवा कांग्रेस सिंगरौली