सिंगरौली– किसी भी परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण पर बाजार मूल्य का दोगुना मुआवजा प्रभावितों को दिए जाने की घोषणा होने के बाद विस्थापित नेता एवं जिला कांग्रेश महामंत्री देवेंद्र कुमार पाठक ने सीएम शिवराज को ज्ञापन सौंपकर भू प्रभावितों को 4 गुना मुआवजा की मांग की हैं। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी करने और चार गुना मुआवजे की मांग को लेकर विस्थापित नेता श्री पाठक ने विस्थापितों की आवाज बुलंद करते हुए कहा कि सीएम शिवराज जी जब तक विस्थापितों को 4 गुना मुआवजा नहीं देंगे तो सहमति नहीं मिलेगी।
श्री पाठक कहा कि कांग्रेस सरकार पूर्व में चार गुना मुआवजा देने का फैसला लिया है लेकिन अब अब गरीब हुआ किसानों की जमीन का मुआवजा दो गुना ही तय किया गया है। ज्ञापन सौंपकर कहा कि छत्तीसगढ़, झारखंड,उत्तर प्रदेश, बिहार की तरह मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में भी भू अर्जन अधिनियम 2013 के अनुसार 4 गुना प्रति कर दिया जाए। भाजपा सरकार की 2014 में संशोधन आदेश को तत्काल निरस्त किया जाए। जिससे पार्टी की छवि के मूल सिद्धांत के अनुसार एक विधान,एक निशान और एक संविधान का पालन हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि धरातल पर यह दिखाई नहीं दे रहा है ऐसी स्थिति में विस्थापित किसान भू-स्वामी मजबूरी में गांधीवादी तरीके से आप के निवास स्थान पर धरना एवं आंदोलन करने के लिए विवश होंगे । जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की रहेगी एवं जब तक चार गुना मुआवजा का निर्धारण नहीं होता है तब तक ब्लॉक बंधा,धिरौली कोल ब्लॉक शुरू करने में सहमति देने में असमर्थता जाहिर की हैं।
विस्थापितों के साथ हो रहा भेदभाव
विस्थापित नेता ने कहा कि आवंटित कोल ब्लॉक बंधा, धिरौली में आवंटन की प्रक्रिया चल रहे कॉल ब्लॉक मरकी, बरका,गोड़बहरा,उज्जैनी एवं वेस्ट छत्रसाल महान एवं अन्य कई कोल ब्लॉकों की नीलामी की प्रक्रिया भारत सरकार द्वारा प्रक्रियाधीन है। इसी तरह ललितपुर सिंगरौली रेलवे लाइन रीवा टू रांची फोरलेन के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नियम के अनुसार वर्ग फुट की दर प्रति कर मुआवजा निर्धारण कर वितरण हो रहा है लेकिन जिले के कोल ब्लॉकों में बंधा एवं धिरौली मात्र 2 गुना ही प्रतिकार मुआवजा दिया जा रहा है जोकि न्यायोचित नहीं है। सरकार विस्थापितों के साथ भेदभाव कर रही है।
20 हजार से ज्यादा लोग होगे प्रभावित
श्री पाठक ने कहा कि आजादी के 70 वर्ष बाद भी ग्राम पंचायत बंधा,तेंदुहा पचौर,जमगढ़ी गांव आबादी करीब 20,000 से ज्यादा है। इस क्षेत्र की 80% आबादी अजजा एवं अजाक के लोग निवास करते हैं। कई गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। जबकि यहां कई कोल कंपनियां जेपी कोल माइंस, टीएचडीसी कोल माइंस, एस.एल कोल माइंस,एपी कोल माइंस,अदानी कोल माइन लग रही है। जिले को करीब 500 करोड़ रुपए दिए में मध्य से राजस्व प्राप्त होता है लेकिन इस मध्य का उपयोग इस क्षेत्र में एक भी रुपए नहीं किए गए हैं पूरे क्षेत्र की उपेक्षा की गई है।