सिंगरौली: एनसीएल की निगाही परियोजना द्वारा वार्ड क्रमांक 2 मुहेर गांव में कोयला परियोजना लगाने हेतु जमीन अधिग्रहित की जा रही है जहां पर एनसीएल द्वारा धारा 9 की कार्यवाही प्रारंभ की जा चुकी है मगर नापी करने के पूर्व क्षेत्रीय ग्रामीणों द्वारा 18 सूत्री मांगे निगाही प्रबंधन एवं जिला प्रशासन के समक्ष रखी है जिनकी मांग पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने की आवश्यकता है।
राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल ने कहा कि विस्थापितों की प्रमुख मांगे सरकारी जमीन पर मकान बनाए लोगों को विस्थापित परिवार की श्रेणी का लाभ, विस्थापित परिवार के सभी सदस्यों को विस्थापित प्रमाणपत्र, पेप्स के तहत विस्थापित परिवारों को 50 लाख तक का ठेका, एनसीएल को वर्तमान रेट पर मुआवजे की राशि का भुगतान, मकान नापी के समय सत्य प्रतिलिपि मकान भू स्वामियों को देने संबंधी, डिसेंडिंग ऑर्डर के साथ नौकरी दिए जाने के संबंध में, विस्थापित परिवारों को 60×40 का प्लाट एवं निशुल्क शिक्षा, बिजली , अस्पताल की सुविधा ,प्रत्येक विस्थापित परिवारों को 18 हजार विस्थापित भत्ता एवं एवं छोटे भू स्वामियों को नजदीकी ओबी कंपनियों में नौकरी का प्रावधान करने जैसी कई 18 मांगे ग्रामीणों द्वारा की गई है।
श्री पटेल ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से जिला प्रशासन एवं एनसीएल सीएमडी को अवगत कर आया हैं। उन्होंने कहा कि विस्थापितों के साथ अन्याय कांग्रेस पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी। कहा कि एनसीएल विस्थापितों की सभी माँगो पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने की आवश्यकता है नहीं तो कांग्रेस पार्टी सड़क पर उतरने को मजबूर होगी। सूत्रों की माने तो 18 सूत्री मांगों को लेकर सांसद का पत्र मिलने के बाद एनसीएल सीएमडी को भी पसीना छूट गया है एनसीएल को डर सता रहा है कि कहीं विपक्ष में बैठी कांग्रेश इस भू अर्जन पर राजनीतिक रोटियां सेकता है तो निश्चित तौर पर एनसीएल को भू अर्जन करने में समस्या होने के साथ-साथ विस्थापितों की सारी बात मानने को मजबूर हो जाएंगे।