MPPSC Result Success Story : (दीपक पटेल संवाददाता) रीवा. मन में सच्ची लगन और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो हर मुश्किल काम आसान हो जाती है कुछ ऐसा ही कर दिखाया रीवा जिले के पलिया गांव की रहने वाली शैलजा ने। शैलजा ने एमपीपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास कर यह साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत और लगन से हर मुश्किल काम को पूरा किया जा सकता है। एमपीपीएससी का रिजल्ट घोषित होने के बाद रीवा से लिस्ट में शैलजा सिंह का भी नाम शामिल है शैलजा का चैन असिस्टेंट डायरेक्टर उद्योग प्रबंधन के पद पर हुआ है। शैलजा अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है।
बता दे की वर्ष 2019 के एमपीपीएससी का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है. इस बार फिर लड़कियों ने बाजी मारी है. सतना जिले की प्रिया पाठक ने टॉप कर जिले का नाम रोशन किया है। प्रिया का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद के लिए हुआ है। दूसरे पर सिवनी की शिवांगी बघेल और तीसरे नंबर पर पन्ना की पूजा सोनी हैं। वहीं रीवा से लिस्ट में शैलजा सिंह का नाम भी शामिल है. शैलजा बचपन से ही पढ़ने में होनहार रहीं हैं। शैलजा की इस उपलब्धि से ना केवल रीवा में बल्कि उनके परिवार में खुशी की लहर है. वह इंदौर में रहकर तैयारी कर रही थी । MPPSC
माता-पिता को दिया सफलता का श्रेय
शैलजा का चयन असिस्टेंट डायरेक्टर उद्योग प्रबंधन के पद पर हुआ है. शैलजा की इस उपलब्धि से उनके पूरे परिवार ही नहीं, बल्कि पूरे जिले में खुशी का माहौल है. शैलजा की माताजी पेशे से एक शिक्षिका हैं. पिता पूर्व में सरपंच रह चुके हैं. शैलजा कहती हैं कि वह अपनी माता और पिता की दिखाई राह पर चल कर आज इस मुकाम पर पहुंचने में सफलता पाई हैं. माता शुरू से ही उनकी पढ़ाई पर न केवल विशेष ध्यान देखते थे बल्कि पढ़ाई-लिखाई के लिए प्रेरित करते रही हैं. शैलजा का कहना है कि उनकी सफलता का श्रेय उनके माता-पिता सहित शिक्षकों को जाना चाहिए, उन्होंने कहा माता-पिता ने पढ़ाई करना केवल माहौल दिया बल्कि कभी कोई कमी नहीं छोड़ी है। MPPSC
गांव से निकलकर हासिल किया मुकाम
रीवा के मनगवां तहसील अंतर्गत पलिया गांव के साधारण परिवार से ताल्लुक रहने वाली शैलजा 8 वर्षों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी. अब लंबे इंतजार के बाद उन्हें एमपीएससी परीक्षा पास करने में सफलता मिली है. एक छोटे से गांव से निकलकर पढ़ाई के प्रति सच्ची लगन और दृढ़ संकल्प के बलबूते उन्होंने सफलता हासिल की है. आज वह अपने गांव ही नहीं बल्कि जिले के दूर दराज गांवों की लड़कियों के लिए भी प्रेरणा से कम नहीं हैं. परिवार वालों ने बताया कि शैलजा बचपन से ही होनहार छात्र रही है। पढ़ाई के प्रति वह बेहद संजीदा रहते हुए हमेशा से फोकस करती रही है। बेटी के लगन का ही नतीजा है की कठिन परीक्षा में उसका चयन हुआ हैं। MPPSC है