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    Madhya Pradesh

    शासकीय महा विद्यालय में लाखों का छात्रवृति घोटाला, ऑडिट में पकड़ी गई गड़बड़ी, प्राचार्य की भूमिका अहम

    By Pro VindhyaOctober 18, 2025No Comments4 Mins Read

    सिंगरौली । शासकीय जगन्नाथ सिंह स्मृति महाविद्यालय चितरंगी में छात्रवृत्ति वितरण के नाम पर लाखों रूपये का घोटाला किये जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह घोटाला प्रभारी प्राचार्य राममिलन प्रजापति पर लगा है। यह छात्रवृत्ति पिछड़ा वर्ग अजा एवं अजजा से जुड़ा हुआ है।

    जानकारी के अनुसार शासकीय जगन्नाथ सिंह स्मृति महाविद्यालय चितरंगी में वर्ष 2023-24 के बीएससी एवं बी-कॉम में अध्ययनरत करीब पॉच दर्जन से ऊपर छात्र-छात्राओं के स्कॉलरशिप वितरण में प्राचार्य के द्वारा व्यापक पैमाने पर घोटाला किया गया है। यह सनसनीखेज मामला तब उजागर हुआ, जब महाविद्यालय के ऑडिट हुई और इस दौरान ऑडिटरों ने छात्रों के खाते में स्थानांतरित की गई रकम को देखकर हैरान रह गये।

    बताया जा रहा है कि प्रत्येक छात्र-छात्राओं के खाते में पॉच-पॉच हजार रूपये स्कॉलरशिप के रूप में ट्रांसफर कराना था। बदले में किसी छात्र के खाते में 30 तो किसी छात्र के खाते में 35 हजार रूपये एक साल का छात्रवृत्ति की रकम ट्रांसफर करा दी गई। सूत्र बताते हैं कि यह सब कुछ प्राचार्य के संज्ञान में था। महाविद्यालय के स्टाफ ने टोका और रोका भी, लेकिन प्रभारी प्राचार्य किसी की बात नही सुनी और रकम को छात्रों के बैंक खाता में स्थानांतरित करा दिया। हालांकि यह घोटाला वर्ष 2024 के जनवरी महीने में किया गया था।

    ऑडिटरों के आपत्ति एवं टिप्पणी के बाद मामला उजागर हुआ। जहां अब प्राचार्य पर करीब 14 लाख रूपये की रिकवरी की गई है। चर्चाएं यहां तक है कि छात्रों से अतिरिक्त रकम वसूल कर डकारने के फिराक में थे। प्राचार्य का इतना आत्मविश्वास था कि घोटाले पर किसी की भी नजर नही पड़ेगी, लेकिन जब अब उक्त मामला उजागर हुआ, तो प्राचार्य की संासे फूलने लगी हैं। परंतु उक्त महाविद्यालय में यह छोटा-मोटा घोटाला है। यदि निष्पक्ष जांच हुई तो कई चौकाने वाले मामले सामने आएंगे। फिलहाल शासकीय महाविद्यालय चितरंगी में छात्रवृत्ति के नाम पर हुई आर्थिक अनियमितता व घोटाला को लेकर इन दिनों चर्चाओं का बाजार गर्म है।

    रकम को डकारने के फिराक में थे प्राचार्य

    जानकारी के अनुसार छात्रवृत्ति घोटाला का मामला सामने आने के बाद महाविद्यालय चितरंगी में यही चर्चाएं हैं कि उक्त रकम को वसूल कर डकारने की मंशा थी, लेकिन प्राचार्य की योजना फेल हो गई। वैसे यह भी चर्चा है कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी भ्रष्टाचार करने वालों को संरक्षण भी दे रहे हैं। जिसके चलते शासकीय दफ्तरों में अनियमितताएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले दिनों डिग्री कॉलेज बैढ़न में सामग्री खरीदी निविदा का मामला भी प्रकाश में आया था। जहां निविदा में भारी अनियमितता की बू देख कलेक्टर ने निरस्त करने के लिए निर्देशित किया था और चितरंगी महाविद्यालय का भी कारनामा भी सामने आया है।

    छात्रों के घर-घर जा रहे वसूली करने अतिथि विद्वान

    छात्रवृत्ति वितरण में करीब 14 लाख रूपये की हुई हेराफेरी के बाद प्राचार्य की अचानक ऑखे खुली और इस भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए प्रत्येक छात्र- छात्राओं के घर अतिथि विद्वानों के साथ-साथ अन्य स्टाफ को भेजकर खाते में भेजी गई अतिरिक्त रकम को वसूली के लिए भेजा जा रहा है। बताया जा रहा है कि अभी तक करीब दो लाख रूपये की रिकवरी हुई है, लेकिन इस रिकवरी से छात्र-छात्राओं के अभिभावको ने भारी असंतोष एवं नाराजगी भी बढ़ने लगी है। यहां तक की कई अभिभावको ने वसूली करने गई महाविद्यालय के स्टाफ को खरीखोटी सुनाकर भगा भी दिया गया है। जिससे अब विवाद की स्थिति भी निर्मित हो रही है।

    इनका कहना:-

    लिपिकीय त्रुटि हुई है। करीब-करीब छात्रों से रिकरवी की जा रही है। दो साल का यह मामला है। जितना ही जल्दी छात्र रकम वापस कर देंगे, उन छात्रों के भी स्कॉलरशिप का भी भुगतान कर दिया जाएगा।

    राममिलन प्रजापति, प्राचार्य, शास.महावि. चितरंगी

    इनका कहना:-

    छात्रवृत्ति के वितरण में गड़बड़ी हुई है। प्राचार्य से रिकवरी कराई जा रहा है। इसके लिए पंचनामा तैयार कर प्राचार्य को नोटिस भी जारी की गई है। इसीलिए अभी तक प्राचार्य को भारमुक्त नही किया गया है और उनसे शपथ पत्र भी लिया जा रहा है।

    डॉ. एमयू सिद्धिक्की, प्राचार्य, डिग्री लीड कॉलेज, बैढ़न

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