सिंगरौली। देवसर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत बूढ़ाडाण के ग्रामीणों ने अपने सरपंच एवं सचिव के खिलाफ निर्माण कार्यों में धांधली का आरोप लगाया है,ग्राम पंचायत में हुये घटिया निर्माण कार्य को लेकर जनपद सीईयो, जिला पंचायत सीईयो एवं कलेक्टर से कई बार शिकायत कर चुके है।ग्रामीण घटिया निर्माण को लेकर चल रही सुस्त जांच को लेकर असंतुस्ट हैं। उल्लेखनीय है कि बूढ़ाडाण पंचायत के सरपंच दिलीप धर द्विवेदी एवं सचिव नागेश्वर प्रसाद साहू के खिलाफ निर्माण कार्यों में घोटाला करने के आरोप लग रहे हैं
सीईओ जिला पंचायत कर रहे टाल माटोल
ग्रामीणों की शिकायत पर कलेक्टर तथा सीईओ जिला पंचायत ने माह भर पहले जांच कमेटी बनाई थी लेकिन अभी तक जांच नहीं हो पाई इसके बाद भी ग्रामीण कई बार शिकायत किए लेकिन जांच करने के प्रति सीईओ जिला पंचायत गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं वह लगातार टाल माटोल कर रहे हैं
कलेक्टर के संज्ञान में फिर पहुंचा मामला
यह मामला वैसे तो जिले के संबंधित सभी अधिकारियों के संज्ञान में कई बार पहुंचा है लेकिन शनिवार को फिर यह मामला कलेक्टर के संज्ञान में पहुंचा,उन्होंने ने कहा कि सोमवार को यह मामला क्लियर करते हैं,ऐसे में मांगा जा रहा है कि आज कलेक्टर कोई बड़ा एक्शन लेते हुए या तो पूर्व में बनी जांच कमेटी को कड़ा निर्देश देने वाले हैं या फिर से एक नई कमेटी बनाकर अति शीघ्र जांच कराएंगे
पुलिया टूटने के बाद मामला पकडा तूल
ग्राम पंचायत के जोगदहवा टोला में बनी पुलिया टूटने के बाद मामला तूल पकडा। इस घटना के बाद ग्रामीण का विष्वास सरपंच एवं सचिव से उठ गया। ग्रामीणों के मुताबिक जब कार्यकाल के शुरुआत में ही घटिया निर्माण होने लगे तो आगे इसी तरह के काम होने की संभावना बढ़ जाती है। इस बात से आषंकित ग्रामीण इस मामले की जांच कराने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले की जांच होने के बाद ही अगले किसी काम के लिये राशि जारी करने का निर्णय सही रहेगा। अन्यथा बार – बार सरकारी राशि का दुरुपयोग होता रहेगा गांव के विकास के नाम पर अनियमितता होती रहेगी।
कार्यवाही न होने से नाराज हैं ग्रामीण
मामले में अभी तक जिस प्रकार से ग्रामीणों ने सक्रीयता दिखायी है और मामले की जांच के लिए दौड लगायी है मन मुताबिक परिणाम न मिलने एवं प्रषासनिक अधिकारियों का सहयोग नहीं मिलने से वे नाराज भी हैं और उदास भी । दरअसल ग्रामीणों ने मामले के खुलासा में उत्साह तो दिखाया लेकिन कार्यवाही तो प्रषासन को ही करनी है। ग्रामीणों ने मामले का खुलासा किया तो उन्हें लगा कि प्रशासन से उन्हें सहयोग मिलेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जनपद कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारी तो उल्टा ग्रामीणों पर ही दबाव बनाने लगे। मामले से संबंधित कोई भी जानकारी लेना ग्रामीणों के लिए टेढी खीर हो गया। जनपद के अधिकारी एवं लिपिक सरंपच एवं सचिव की ही तरफदारी करने लगे। ऐसे में ग्रामीण अचंभित हुये । उन्हें तो समझ नहीं आया कि जनपद के अधिकारी सरपंच एवं सचिव की तरफतारी किस वजह से कर रहे हैं।
फिर शुरू हुये निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार
ग्राम वासियों ने बताया कि ग्राम पंचायत में फिर से निर्माण कार्य षुरु हो रहे हैं, जिसमें किटनिहवा टोला में करीब 20-20 लाख रुपये की पुलिया का निर्माण प्रमुख है। ग्रामीणों के अनुसार पहले की ही तरह इसका भी निर्माण घटिया सामग्री एवं बिना किसी मानक के किया जा रहा है। पहले से ही ग्राम पंचायत में हुये निर्माण कार्य कुछ ही दिनों में टूट गये या फिर जर्जर हो गये। फिर दोबारा से ऐसे ही काम षुरु किये गये हैं। नये कार्यों में भी गंभीरता एवं मानक का ख्यान न रखा जाना कही न कहीं यही प्रतीत होता है कि इन पर अधिकारियों की हमदर्दी है। जिसकी वजह से इन्हें किसी बात का खौफ नहीं है।
इनका कहना है
इस मामले की जांच कराकर उचित कार्यवाही की जायेगी
चंद्र शेखर शुक्ला, कलेक्टर सिंगरौली