सिंगरौली । महिलाओं के जीवन में प्रलय और खुशियां लाने वाले डीपीओ के एक के बाद एक भ्रष्टाचार की परतें खुल रही है। उन पर एनसीएल के सीएसआर मद में सामान्य खरीदी में भ्रष्टाचार की शिकायत की चर्चा है। इस पर अधिकारियों की भी सहभागिता ना हो इस पर से इनकार नहीं किया जा सकता। सूत्र बताते हैं कि डीपीओ के इशारे में बाजार में मिलने वाले 5 हजार रुपए के साउंड बॉक्स को करीब 19446 में नया स्पीकर खरीदा गया है। जबकि उस बॉक्स में वास्तविक दर करीब 10 हजार रुपए प्रिंट रहता है। जबकि ऑनलाइन बाजार में इस साउण्ड बाक्स की दर 5248 रूपये है।
गौरतलब है कि अधिकारी आएंगे भ्रष्टाचार करेंगे और चले जाएंगे लेकिन किसी महिला के साथ जोर जबरदस्ती किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं हैं। वह ईओडब्ल्यू के रडार में है। वहीं डीपीओ के व्हाट्सएप चैट में महिलाओं को धमकी भरे मैसेज वायरल हो रहे हैं। जिम्मेदार पैसे लेकर भले ही अपनी आंखें भले जरूर बंद कर ले लेकिन आमजन में चर्चाएं अभी भी है कि आखिर ऐसे भ्रष्ट और कैरेक्टर के अधिकारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं हो पा रही। महिला बाल विकास में कार्यरत कर्मचारी भले ही शिकायत लेकर सामने नहीं आ रही हैं
नाम ना छापने की शर्त पर एक महिला यहां तक बताती हैं कि डीपीओ राजेश राम गुप्ता महिला कर्मचारियों को घर में बुलाते हैं। सूत्रों की मानें तो यदि डीपीओ के सीडीआर और व्हाट्सएप चैट की जांच की जांए तो करोड़ों रुपए की ब्लैक मनी और महिलाओं के साथ हुई ज्यादतियों का भंडाफोड़ हो सकता है। हालांकि डीपीओ की जांच को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं। दरअसल एनसीएल के दुधीचुआ परियोजना एवं महिला बाल विकास के बीच आंगनगाड़ी केन्द्रों को आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र बनाने के लिये अनुबंध हुआ था। इसके लिये करोड़ों रूपये एनसीएल परियोजना दुधीचुआ के सीएसआर के मद से प्राप्त हुये थे। यह राशि महिला एवं बाल विकास विभाग को पिछले वर्ष मिला था।
धमकी भरा चैट किसका है
ईओडब्ल्यू में हुई भ्रष्टाचार की शिकायत के आरोप से घिरे महिला बाल विकास अधिकारी राजेश राम गुप्ता पर एक महिला को धमकी भरा व्हाट्सएप चैट वायरल हो रहा हैं,जिसमें वह लिखते हैं कि मिलने आ जाओ नहीं तो वह प्रलय भी ला सकते हैं और खुशियां भी। व्हाट्सएप मैसेज की सत्यता की पुष्टि समाचार पत्र नहीं करता हैं। लेकिन सवाल यह है कि यह धमकी वाला मैसेज किसका है इसकी जांच होनी चाहिए।
चार गुनी कीमत पर खरीदे साउंड बॉक्स
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास ने व्यापक पैमाने पर सीएसआर राशि का बंदरबाट कर लिया है। सूत्र बताते हैं कि डीपीओ के इशारे में बाजार में मिलने वाले 5 हजार रुपए के साउंड बॉक्स को करीब 19446 का नया स्पीकर खरीदा गया है। जबकि उस बॉक्स में वास्तविक दर 9 हजार 9 सौ 99 रूपये है। वही ऑनलाइन बाजार जैसे फ्लिपकार्ट और अमेजॉन में पर इस साउण्ड बाक्स की दर 5499 रूपये है।
सीईओ की जांच तिजोरी में बंद
कहते हैं कि सैया भाई कोतवाल तो अब डर काहे का। दरअसल जिला पंचायत सीईओ ने डीपीओ को अनुबंध स्वीकृत कार्य के अनुरूप कार्य नहीं करने और मनमानी तरीके से सामग्री क्रय करने का नोटिस देकर जवाब मांगा था। लेकिन नोटिस का जवाब मिला या नहीं यह अभी रहस्य है । डीपीओ पर कोई कार्यवाही नहीं होना जिला पंचायत सीईओ को भी कटघरे में खड़ा कर रहा है। सूत्र बताते हैं कि डीपीओ से मोटी रकम लेकर जिला पंचायत सीईओ ने भी फाइल को तिजोरी में बंद कर दिया।
2 गुना कीमत पर चहेते फर्म को काम देखें के आरोप
डीपीओ पर चहते फर्म को लाभ पहुंचाने के आरोप लगाए गए हैं। आंगनबाड़ी केंद्र के लिए एलवन फर्म विनिश्मा टेक्नोलॉजी प्रायवेट लिमिटेड द्वारा उपरोक्त सामग्री राशि रूपये 2 करोड़ दस हजार में प्रदान किया जा रहा था। किन्तु डीपीओ मनचाही फर्म मेसर्स आदित्य इंटरप्राईजेज इन्दौर से दो गुनी कीमत राशि रूपये 3 करोड़ 82 लाख 80 हजार 8 सौ पर सामग्री का क्रय किया गया। सूत्र बताते हैं कि डीपीओ ने भ्रष्टाचार करके करोड़ों की बेनामी संपत्ति बनाई है।