सिंगरौली 30 दिसम्बर। दिसम्बर महीना पुलिस के लिए सबसे बड़ा चैलेंज माना जाता है। लंबित अपराधों एवं चालानों के निकासी करना पुलिस के लिए सबसे बड़ा सिर दर्द है। साल भर के कामकाज की गणना इसी महीने के आखिरी तिथि में होती है। किन्तु अनुभाग विंध्यनगर के कोतवाली बैढ़न, देवसर विभाग के जियावन एवं सरई थाना में तीन अंको में अपराध लंबित हैं। जिसका निकासी पुलिस नही कर पाई है। हालांकि यह आंक ड़ा आज से एक दिन पूर्व का है।
दरअसल ऊर्जाधानी में हो रही ताबड़तोड़ घटनाओं के मकड़जाल में पुलिस उलझ गई है। पुलिस की गठित एसआईटी टीम समेत पुलिस की टीमें अपराधियों की लोकेशन ट्रेस नहीं कर पा रही हैं। यही वजह है कि रचना सिंह चोरी कांड केस और सरकारी नि:शुल्क पाठ्य पुस्तको को यूपी के ऊन्नाव जिले के एक कबाड़ी के यहां बेचे जाने के मामले में मुख्य सरगना बर्खास्त बीआरसीसी सियाराम भारती कोतवाली पुलिस से फरार है। पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लग रहा है।
वहीं दिसंबर महीना पुलिस के लिए चैलेंज भरा होता है।कामकाज की गणना होती हैं और पुलिस के काम काज की प्रगति देखा जाता है साथ ही पुलिस कितने मामलों का खुलासा की है। इस लिहाज से पुलिस अधिकारियों पर भी पीएचक्यू भोपाल से भी दबाव रहता है कि ज्यादा से ज्यादा लंबित अपराध एवं चालानों की निकासी करायेें। किन्तु कोतवाली बैढ़न, जियावन एवं सरई थाना सिंगरौली एसपी के लिए सिर दर्द बना हुआ है। यहां लंबित अपराधों एवं चालानों को लेकर जिले की किरकिरी भोपाल तक हो रही है।
लंबित अपराध और चालानों की संख्या 200 पार
कोतवाली में लंबित अपराध और लंबित चालानों की संख्या 200 पार हो गया है। यदि सूत्रों की बात माने तो कोतवाली बैढ़न में लंबित अपराधों की संख्या 175 और लंबित चालानों की संख्या सैकड़ा पार है। वही अनुभाग देवसर के जियावन थाना में लंबित अपराधों की संख्या करीब सवा सौ व चालान 176 के पार है। इसी तरह सरई थाना में सबसे ज्यादा लंबित अपराधों की संख्या करीब सवा दो सौ एवं इसी के आसपास लंबित चालानों की संख्या है। साथ ही चितरंगी थाना में लंंबित अपराध 40 व चालानों की संख्या 85 के इर्दगिर्द है।
पुलिस के कार्यप्रणाली पर उठने लगे सवाल
सूत्र यह भी बताते हैं कि वर्ष 2023 एवं पूर्व के लंबित वर्ष 2024 के अपराधों के कायमी की संख्या 9 हजार बताई जा रही है। अभी भी जिले में करीब 16.5 प्रतिशत से अधिक चालान एवं अपराधों के प्रकरण लंबित हैं। लंबित अपराधों के निकासी को लेकर तीन थानों की पुलिस के कार्यप्रणाली पर भी पुलिस महकमे में भी तरह-तरह की चर्चाएं की जाने लगी है। यह भी चर्चा है कि यदि दो महीने से पहले से प्रयास की होती तो शायद भोपाल तक किरकिरी न होती।
फ्रॉडो पर भी कोतवाली पुलिस की दरियादिली
कक्षा 1 से 8वीं तक के नि:शुल्क पाठ्य पुस्तको को यूपी के ऊन्नाव जिले के एक कबाड़ी के यहां बेचे जाने के मामले में चितरंगी ब्लॉक के बर्खास्त बीआरसीसी सियाराम भारती समेत दो शिक्षको पर कोतवाली बैढ़न में सितम्बर महीने में ही अपराध दर्ज है। निलंबित पिपरवान विद्यालय के हेड मास्टर व पुस्तक प्रभारी कोतवाली में अपने आप को सरेण्डर कर दिये। किन्तु मुख्य अपराध के मुख्य सरगना सियाराम भारती कोतवाली पुलिस से फरार है। सूत्र बताते हैं कि कोतवाली पुलिस फरार आरोपियों को पकड़ने और छोड़ने का खेल खेल रही हैं।
बिलौंजी में हुई लाखों की चोरी सुर्खियों में
कोतवाली क्षेत्र में कई चोरियां पुलिस के लिए किरकिरी बनी हुई है। वार्ड क्रमांक 42 बिलौंजी निवासी रचना सिंह पति अमित सिंह चौहान के यहां अक्टूबर महीने के दूसरे सप्ताह में करीब 60 से 70 लाख रूपये की हुई चोरी का खुलासा आज तक नही कर पाई। जबकि जिस वक्त उक्त घर में चोरी हुई थी उस दौरान कोतवाली पुलिस बड़े-बड़े दावे की थी कि शीघ्र ही चोरी का खुलासा होगा।
घटना के करीब तीन महीने बाद भी चोरो का अब तक कोई शिनाख्त नही लग पाया। पीड़ित पक्ष आये दिन कहीं न कहीं अपनी फरियाद करने जाता भी है। लेकिन परिणाम ठाक के तीन पात की तरह निकल रहा है। इसी तरह खुटार चौकी क्षेत्र में दिन दहाड़े चोरी हुई थी। डीएव्ही मार्ग में भी हुई चोरी का खुलासा अब तक नही हो पाया। इसके अलावा कोतवाली क्षेत्र में दर्जन भर ऐसी चोरियां हुई हैं जिसको लेकर पुलिस की किरकिरी हो रही है और पुलिस के कार्यप्रणाली पर भी खूब सवाल खड़े किये जा रहे हैं।