Singrauli News सिंगरौली। नगर पालिक निगम आयुक्त डीके शर्मा परिषद बैठक में स्वच्छता का नोडल अधिकारी बनने के लिए खुद की छाती पर पैर रखकर आदेश करवाने वाले बयान को लेकर सुर्खियों में है। आयुक्त के इस बयान के बाद अब नगर निगम के अधिकारी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि और भोपाल स्तर के नेताओं को कट घर में खड़ा कर दिया। अब सवाल यह है कि आखिर स्वच्छता नोडल अधिकारी बनाने के लिए सत्तापक्ष के किस नेता का दबाव है। या फिर सिटाडेल अपने चहेतों के लिए दवाव बनाया।
बता दे कि परिषद बैठक में नगर निगम आयुक्त ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि 30 साल की नौकरी में मैंने यह एक साल कैसे बिताया हैं वस्तु स्थिति को पार्षद भी समझते हैं और सदन में रखा भी। मेरे दफ्तर से कोई फाइल निकलती है और 2 मिनट में वह फेसबुक में पहुंच जाती है। मैं इस चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए पिछले एक साल से जद्दोजहद कर रहा हूं लेकिन नहीं तोड़ पाया। अंततः अब मेरा फैसला यही है कि यहां से निकल जाना ही मेरे लिए सही होगा। आगे उन्होंने बिना किसी अधिकारी का नाम लिए कहा कि यहां जो 40 साल से नौकरी कर रहे हैं और जो करने वाले हैं जो यहां के लोकल हैं उनके साथ में मैं उनके राजनीति को नहीं तोड़ पाऊंगा और ना ही व्यवस्था में सुधार होगा। यह मेरी पीड़ा है। Singrauli News
आयुक्त ने कहा कि नगर निगम में हो रहे हर काम को हमारे कर्मचारी ही मीडिया तक पहुंचाने का भर्षक प्रयास रहता है। जो बात यहां सदन पर हो रही है हम बाहर निकलेंगे तो देखेंगे कि यह सब फेसबुक पर डाला जा चुका है। जो बात बंद कमरे में होती है वह मीडिया में चली जाती है। इस व्यवस्था को तभी सुधर जा सकता है जब सारा सदन साथ दे। एक कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही करूंगा तो चार पार्षद साथ आ जाएंगे और कार्यवाही के लिए मना करेंगे। पार्षदों ने आरोप लगते हैं कि सिटाडेल कंपनी के बिलों का भुगतान करने में अधिकारी बिल्कुल समय नहीं गंवाते। इसके पीछे वजह पॉलीटिकल प्रेशर या फिर सुविधा शुल्क बताते हैं। Singrauli News
भ्रष्टाचार में अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल?
सवाल यह है कि परिषद में पार्षदों ने नगर पालिक निगम में ठोस अपशिष्ट उपचार का काम कर रही सिटाडेल आईएसडब्ल्यूएम प्रोजेक्ट के काम से नाराज थे। पार्षदों ने आरोप लगाया कि शहर में घर-घर कचरा संग्रहण, निस्तारण, 20 एकड़ में ग्रीन बेल्ट बनाने और किसानों को खाद बीज वितरण करने में सिटेडल कंपनी ने कई करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार किया। जिसका जवाब देने के बजाय आयुक्त डीके शर्मा अपनी पीड़ा सुनने लगे। उन्होंने कहा कि स्वच्छता नोडल अधिकारी बनने के लिए मेरे छाती पर पैर रखकर आदेश करवाते। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि कौन छाती पर पैर रखता है और कौन आदेश करवाता है। Singrauli News
उपाध्याय और बैस रहे नोडल अधिकारी
सवाल यह है कि आयुक्त के कार्यकाल में रिटायर्ड ईई व्हीपी उपाध्याय और डिप्टी कमिश्नर आरपी बैस नोडल अधिकारी रहे। इन दोनों अधिकारियों ने आयुक्त के छाती पर पैर रखकर स्वच्छता नोडल अधिकारी बनें। चर्चा है कि सिटाडेल कंपनी की पहुंच भोपाल स्तर पर इतनी तगड़ी है कि स्थानीय स्तर के नेता उसके सामने हिमाकत करने का साहस नहीं जुटा पाते। कमोबेश स्थिति अधिकारियों की भी है।वह अधिकारियों को सीधे मंत्रियों से बात करा देता हैं। लिहाजा अधिकारी भी उसकी फाइल में बिना कोई कमी बताएं तत्काल दस्तखत करते हैं। Singrauli News