Coal Scam : सीएम योगी आदित्यनाथ माफियाओं पर कहर बनकर टूट रहे हैं लेकिन अभी तक उनकी नजर सोनभद्र के कोल स्कैम पर नहीं पड़ी। शायद यही वजह है कि अभी भी सोनभद्र जिले में कोयले में मिलावट का खेल वेदस्तूर जारी है यहां हर रोज करोड़ों रुपए के कोयले की चोरी की जा रही है इस चोरी को छुपाने के लिए कोयला माफिया स्टोन डस्ट, मुरूम या फिर छाई मिलाकर खेल करते हैं।
Coal Scam : गौरतलब है कि कोयले के मिलावट के इस खेल में देश की कई बड़े हस्तियां की संलिप्तता है, इन माफिया के हौसले इतने बुलंद है कि यह चंद मिनटों में ही करने और करने पर उतारू हो जाते हैं। इनकी हनक ऐसी होती है यह CM और PM से नीचे बात नहीं करते. तो वहीं इनके संबंध पुलिस महक में से इतनी घनिष्ठ होते हैं कि पूर्व पुलिस महकमा ही इनके पीछे खड़ा हो जाता है और फिर उनके बचाव के लिए वह सारे हथकंडे अपना आता है जो कानून की नजर में अपराध है। इन दिनों मिलावटी कोयले के कारोबार को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। वहीं, खान विभाग की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और झारखंड के कई नामचीन कंपनियों के नाम सार्वजनिक होने के बाद हड़कंप की स्थिति बन गई है।
पंचवटी कापलेक्स से जुड़ा तार
दावा किया जा रहा है कि एशिया की सबसे बड़ी मंडी में कोयला का खेल दिन रात पुलिस के संरक्षण में खेला जा रहा है। चर्चा है कि एशिया की सबसे बड़ी मंडी का दर्जा रखने वाली चंधासी मंडी की ‘पंचवटी’ नाम वाले कांप्लेक्स से जुड़ा है। कहा जा रहा है कि पुलिस की जांच में जहां पंचवटी का अहम रोल साबित हो सकता है। यहां दफ्तर खोल कर कोल ट्रांसपोर्टिंग और डंपिंग का लाइसेंस हासिल करने वाली कंपनियां व फर्मों के भी कई बड़े राज सामने आ सकते हैं। हालांकि सूत्रों का दावा है कि सोनभद्र पुलिस इन कोल माफिया को बचाने के लिए वह सारे हथकंडे अपनाएगी जिससे इन्हें बचाया जा सके।
खान विभाग की तरह से कोयले से मिलते जुलते पदार्थों की ट्रांसपोर्टिंग करने वाले ट्रांसपोर्टरों पर जो एफआईआर दर्ज कराई गई है और उससे जुड़े जो सबूत हाथ लगे हैं, उसमें इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि कोयले से मिलते जुलते पदार्थों की ट्रांसपोर्टिंग की बिल्टी-बिल में पश्चिम बंगाल स्थित जय मां तारा इंटरप्राइजेज कंपनी, झारखंड के हजारीबाग स्थित आनंदिता स्टील लिमिटेड, रामगढ़ स्पंज आयरन प्राइवेट लिमिटेड, झारखंड के कोडरमा स्थित शिवम आयरन स्टील कंपनी लिमिटेड से माल की निकासी की बात अंकित है। वहीं, इस बिल्टी व बिल के जरिए माल पहुंचाने का पता वाराणसी से सटे चंदौली की चंधासी मंडी स्थित पंचवटी कांप्लेक्स में दफ्तर खोलकर बोर्ड टांगने वाली विकेट कंस्ट्रक्शन, मेसर्स यश इंटरप्राइेजेज-विकी कंस्ट्रक्शन, ओम नारायण इंटरप्राइजेज-विकी कंस्ट्रक्शन का दर्ज किया गया है। माल पहुंचाने के पते का जो पिनकोड दर्ज किया गया है, वह किसी बिल्टी में 232100, किसी में 01, किसी में 02, किसी में 05, किसी में 06 तो किसी में 07 दर्शाए गए हैं।
सलईबनवा और कृष्ण शिला पर माफियाओं की नजर
चोपन थाना क्षेत्र अंतर्गत 25 अगस्त को एसडीएम ने एक दर्जन ट्रैकों में लोड अवैध कोयला पकड़ा तो कई राज्यों के कोयला माफियाओं में हड़कंप मच गया। दरअसल सलईबनवा में कोयले से मिलते-जुलते पदार्थ लेकर पहुचे ट्रकों का पंजीयन, यूपी के सोनभद्र (यूपी-64) और बरेली (यूपी-25) के साथ ही, झारखंड के हजारीबाग (जेएच-02) का पाया गया है।
अहम बात यह है कि अभी तक सोनभद्र और हजारीबाग से मिलावटी कोयले के खेल के तार जुड़ा होने की बात जग जाहिर थी लेकिन यूपी के एक छोर पर सोनभद्र और इसके दूसरे छोर पर स्थित बरेली जिले से मिले कनेक्शन में लोगों को चौंका कर रख दिया। अब चर्चा है कि कोयले के इस खेल से बरेली का कितना गहरा जुड़ाव है इसकी जानकारी के लिए अब लोगों की निगाहें पुलिस की तरफ से होने वाली छानबीन पर टिकी हुई है। हालांकि पुलिस सूत्रों की माने तो कोयला माफिया के संबंध न केवल पुलिस के आला अधिकारियों से है बल्कि कई सफेदपोशों का इनमें पैसा लगा है। ऐसे में सवाल यह खड़े हो रहे की क्या पुलिस के हाथ कोयला माफिया के गिरेबान तक पहुंचेंगे। Coal Scam :
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