सिंगरौली। नगर पालिक निगम भले हर महीने सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रहा है। लेकिन वार्ड क्रमांक 20 पिपरालाल के खुले मैदान में कचरे का ढेर यही बताता नजर आ रहा है कि कचरे का निस्तारण सही ढंग से नहीं हो रहा हैं। स्थिति यह है कि वहां से निकलने वाले को यह फैली गंदगी की दुर्गन्ध परेशान करती रहती है। और जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी पल्ला झाड़ देते हैं।
बता दें कि नगर निगम और एनसीएल के अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंसूओं पर पानी फेर रहे है। नगर निगम और एनसीएल सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये हर महीने पानी की तरह बहा रही है बावजूद इसके नगरी क्षेत्र सहित एनसीएल से लगे खुले स्थानों में अघोषित कचरा यार्ड बना दिया गया है। शहर की सफाई व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। कई जगहों पर कचरों के ढेर के साथ नालियों के किनारे के लग रहे गंदगी के पहाड़ों ने स्थिति विकट कर दी है। यह स्थिति केवल नालियों एवं नालों की ही नहीं, बल्कि रिहायसी क्षेत्र के कई मार्गों की है।
शहर के गली-मोहल्लों में सड़कों पर लगे कचरे व गंदगी के ढेर से स्थिति बिगड़ने लगी है। वार्ड क्रमांक 20 पिपरालाल से एनसीएल की जयंत परियोजना का सेक्टर बी लगा है। सेक्टर बी से लगे खुली जगह में कचरों का ढेर लगा दिया गया है। रोड के किनारे कचरा के लगे अंबार पर आवारा पशु कभी भी गंदगी में भोजन की तलाश करते हुए देखे जा सकते हैं। रास्तों से लगे बिखरे कचरे भी खुद-ब-खुद सफाई व्यवस्था की कड़वी सच्चाई दिखाते हुए नजर आते हैं।
गनियारी में भी लगा दिया कचरे का ढेर
शहर के बालाजी पेट्रोल टंकी के पीछे तीन से चार जगहों पर कचरे के बड़े-बड़े ढेर लगा दिए गए हैं। यहां हजारों टन कचरा खुले में फेंका गया है। इस कचरे को यहां पर भटकते पशुओं की ओर से बिखरा दिया जाता है। हवा चलते ही आसपास रहने वाले लोगों को कचरे के ढेर से निकलती दुर्गन्ध परेशान करने लगती है। कचरा का ढेर लगने के कारण इस पूरे क्षेत्र में दुर्गन्ध का वातावरण बना रहता है। ऐसे में आस-पास के रहवासियों को बेहद मुश्किल स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
कचरे का नहीं हो रहा निस्तारण
स्वच्छ भारत अभियान पूरी तरह फेल है। सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग करके उससे उपयोगी वस्तुएं एवं खाद बनाकर बेचने का दावा भले किया जा रहा है। लेकिन जमीनी हकीकत खुले में पहला कचरा हकीकत बयां कर रहा है। कचरे का सही से निस्तारण नहीं होने की वजह से मच्छर उत्पन्न होते हैं। जिससे मलेरिया फैलने का डर रहता है।