Singrauli News सिंगरौली। जिले के आधा दर्जन चौकी प्रभारी व उप निरीक्षको के तबादला को लेकर आईजी नाराज है, उन्होंने एसपी को पत्र लिखकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सहायक उप निरीक्षक चौकी प्रभारी सहित उप निरीक्षक एवं निरीक्षक स्तर के कोई भी स्थानांतरण बिना मेरे लिखित अनुमोदन कि नहीं किए जाएंगे। इस पत्र के बाद चर्चा है कि प्रभारी मंत्री संपत्तियां उइके नहीं विजय सिंगरौली जिले को चला रहे हैं। इन तबादलों से सांसद, विधायक भी नाराज हैं।
गौरतलब है कि पुलिस विभाग में हुए तबादलें विवादों में नजर आ रहा। पिछले दिनों पुलिस अधीक्षक कार्यालय से निगरी, गोरबी, सासन, बरका व पुलिस चौकी प्रभारियों समेत आधा दर्जन उप निरीक्षकों का अस्थाई रूप से तबादला किया गया था। तबादला करने का मुख्य वजह प्रशासनिक दृष्टिकोण से बताया गया। लेकिन इस दौरान जिन चौकी प्रभारियों को इधर से उधर किया गया, चौकियों में उनका कार्यकाल अल्प समय का था।
अचानक चौकी प्रभारियों का तबादला करने का मामला जब सामने आया तो सत्ताधारी नेता भी हैरान हो गए। हालांकि सत्तादल विधायक होने के नाते मीडिया के सामने खुलकर नही बोल रहे हैं, लेकिन विधायक के साथ-साथ सांसद एवं पंचायत राज्य मंत्री भी गोरबी चौकी में फेरबदल से काफी नाराज हैं।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि जिले में कई पुलिसकर्मी है जो एक ही थाने में 5 से 7 सालों से जमे हुए हैं। यह पुलिसकर्मी चुनावी साल में या फिर एक-दो महीने के लिए दूसरे थानों में तैनात जरूर होते हैं लेकिन अपने सेटिंग से वह अपने चहेते थानों में पहुंच जाते हैं। कई पुलिसकर्मी अवैध कमाई कर लग्जरी गाड़ियों से थाने पहुंचते हैं। और उनका रुतबा थाना प्रभारी से कम बिल्कुल नहीं रहता। ऐसे पुलिसकर्मियों पर विभाग के अधिकारी भी मेहरबानी दिखाते हैं।
एक दशक से विजय का दखल सिंगरौली में
चौकी प्रभारी के तबादला के बाद विजय सुर्खियों में है। सत्ताधारी नेताओं ने अपने नाम न छापने के शर्त पर कहा कि सिंगरौली की प्रभारी मंत्री भले संपत्ति उइके हैं लेकिन चलता विजय का ही है। विजय जैसा चाहते हैं अधिकारी उन्हें के हिसाब से काम करते हैं। विजय कोई आज पावर में नहीं आया है बल्कि दूसरे प्रभारी मंत्रियों के दौरान भी विजय का दखल सिंगरौली में रहा है। इन तबादलों के बाद विजय भाजपा नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। जिसकी शिकायत भाजपा आलाकमान से भी करने की बात की जा रही है। Singrauli
फिर तबादला उद्योग चर्चाओं में
जिले में तबादला उद्योग चलाने के आरोप पूर्व में कई बार लगे हैं। यहां थाना और चौकियों की बोली लगने की चर्चा अक्सर होती रही है। हाल में हुए तबादलों को भी तबादला उद्योग से जोड़ा जा रहा है। चर्चा है कि जयंत, गोरवी,सासन, खुटार, निवास, बधौरा और निगरी चौकी प्रभारी बनने के लिए मारामारी मची हुई है। सूत्रों का दावा है कि चौकियों में तैनाती पाने के लिए विजय सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं। हो भी क्यों ना एक दशक का अनुभव जो है। Singrauli News