देवसर 13 फरवरी। जियावन थाना अंतर्गत जियावन डांड गांव में रात के 9:30 बजे यात्रियों से भरी ईको कार, डम्फर से भयानक टक्कर लगने पर सड़क से नीचे खाई में गिर गई। जिसमें सवार करीब एक दर्जन लोग घायल हो गये। घायल श्रद्धालु को एम्बुलेंस वाहन 108 के माध्यम से उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देवसर में भर्ती कराया गया है।
जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ प्रांत के जिला बलरामपुर अंतर्गत मझौली गांव से प्रयागराज महाकुम्भ स्नान करने के बाद वापस करथुआ एनएच 39 मार्ग से वापस अपने घर जा रहे थे कि देवसर के जियावन डांड के पास बीती रात श्रद्धालुओं के ईको कार को एक अज्ञात हाईवा वाहन ने टक्कर मार दिया। जहां कार वाहन सड़क के नीचे खाई में गिर पड़ी। घटनास्थल पर चीख-पुकार शुरू हो गई और आसपास के लोग पुलिस के साथ-साथ एम्बुलेंस 108 वाहन को सूचना दिये।
मौके पर पुलिस भी पहुंची और एम्बुलेंस वाहन के मेडिकल स्टाफ शिव द्विवेदी एवं पायलट कौशल प्रसाद तत्काल मौके पर पहुंचकर घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देवसर ले गये। जहां बीएमओ डॉ. सीएल सिंह द्वारा घायलो का इलाज किया। सड़क हादसे में एक दर्जन श्रद्धालु सवार थे। इनमें से करीब-करीब सभी श्रद्धालुओं को सिर, हाथ, पैर एवं शरीर में कई जगहो पर चोट आई हैं। फिलहाल श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद घर जाने के लिए छुट्टी दे दी गई।
इन सवारियों को आई चोटें
जानकारी के अनुसार सड़क हादसे में घायल हुए यात्री दिलीप यादव पिता रामकिशन यादव उम्र 40 वर्ष , किशोरीलाल ठाकुर पिता रामऔतार उम्र 45 वर्ष, अरूण सेन पिता नाथूलाल सेन उम्र 43 वर्ष, गंगामती पति दिलीप यादव उम्र 40 वर्ष, बिख्खन देवी पति अरूण ठाकुर उम्र 43 वर्ष, लीलावती पति किशोरीलाल ठाकुर उम्र 44 वर्ष, अवधेश कुशवाहा पिता गणेशराम कुशवाहा उम्र 50 वर्ष, जामन्ती पति अवधेश कुशवाहा उम्र 45 वर्ष सभी गाँव मझौली जिला बलरामपुर छत्तीसगढ़ के हैं।
चर्चित तहसीलदार रमेश कोल का छतरपुर तबादला
सिंगरौली 13 फरवरी। शहरी चर्चित तहसीलदार रमेश कोल का छतरपुर के लिए तबादला हो गया हैं। हालांकि उनके स्थान पर अभी तक किसी दूसरे तहसीलदार को नहीं भेजा गया है।
अवर सचिव मध्य प्रदेश शासन राजेश कुमार कोल की ओर से जारी आदेश के अनुसार शहरी चर्चित तहसीलदार रमेश कोल कर स्थानांतरण छतरपुर के लिए किया गया है। अभी उनके स्थान पर किसी अन्य तहसीलदार को नहीं भेजा गया है। पूर्व में भी इनका तबादला हो गया था लेकिन जुगाड़ के दम पर यह नहीं गए। अब दूसरी बार इनका तबादला छतरपुर के लिए किया गया है।
कई बार इनके ऊपर पक्षपात करने और खसरे में गलत तरीके से नाम दर्ज करने के आरोप लगे थे। चर्चा यह भी है कि उनका तबादला पूर्व में प्रमोशन के साथ हुआ था लेकिन वह प्रमोशन नही लिए थे। ऐसे में उन पर कई सवाल खड़े हो रहे है। अब फिर से तबादला हुआ है होने के बाद वह दूसरी बार अपना ट्रांसफर रुकवाने के जुगाड़ में लग गए हैं। हालांकि यह आने वाला वक्त ही बताएगा कि वह रुकते हैं या फिर जाते हैं।