सिंगरौली 13 फरवरी। ऐसे विभागीय अधिकारी जिनके द्वारा सीएम हेल्पलाइन में प्राप्त शिकायतें को अटेंड नही किया गया है। इनके विरुद्ध 100 रूपये प्रति शिकायत के दर से जुर्माना की राशि लगाई जाए। वहीं लोगों के जुबा पर निर्माणाधीन एनएच 39 की बात सामने आती है और यदि वहां भाजपा नेता मौजूद हैं तो जवाब देने में उन्हें पसीने आने लगते हैं।
कलेक्टर के द्वारा आयोजित बैठक में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि कलेक्टर की अध्यक्षता में सीएम हेल्प लाईन में प्राप्त शिकायतों के निराकरण के प्रगति एवं जन कल्याणकारी योजनाओं क्रियान्वन की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई।
कलेक्टर ने सीएम हेल्पलाईन में प्राप्त शिकायतों के निराकरण के प्रगति की जानकारी लेने के पश्चात विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि अभी तक कुछ विभागीय अधिकारियों के द्वारा दर्ज शिकायतों को अटेंड तक नही किया गया है जो अत्यन्त की खेदजनक है। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे अधिकारी जिनके द्वारा अभी तक शिकायतों को अटेंड नही किया गया। उन पर प्रति शिकायत 100 रूपयें के दर से जुर्माना अधिकरोपित किया जायें।
एनएच 39 का नाम सुनते ही भाजपाईयों को आने लगते हैं पसीने
सिंगरौली 13 फरवरी। निर्माणाधीन एनएच 39 सीधी-सिंगरौली मार्ग भाजपा नेताओं के लिए किरकिरी बन गई है। जैसे ही लोगों के जुबा पर निर्माणाधीन एनएच 39 की बात सामने आती है और यदि वहां भाजपा नेता मौजूद हैं तो जवाब देने में उन्हें पसीने आने लगते हैं।
गौरतलब है कि सीधी-सिंगरौली नेशनल हाईवे मार्ग लम्बाई करीब 85 किलोमीटर की मंजूरी वर्ष 2012-13 में हुई थी। जहां प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देवसर में विधि-विधान पूर्वक पूजा अर्चना करते हुये भूमि पूजन किये थे। उस दौरान दावा किया गया था कि 3 साल के अन्दर सीधी-सिंगरौली मार्ग का कायाकल्प हो जाएगा और सड़क पर सरपट वाहन दौड़ेंगे। लेकिन 3 साल की बात दूर 13 वर्षो में भी सीधी-सिंगरौली फोर लेन सड़क मार्ग नही बन पाई है।
इधर गोंदवाली से लेकर खनहना एवं उधर सजहर जंगल खाखन नदी से लेकर जोगिनी व करीब-करीब गोपद नदी पुल तक कार्य आधा अधूरा है। यहां तक कि कई जगह घाट कटिंग एवं पुलियों का कार्य भी अधूरा पड़ा हुआ है। वह कार्य कब तक में पूर्ण होंगे। अब इसके लिए कोई डेड लाईन नही दी जा रही है। इसके पीछे कारण यही बताया जा रहा है कि भाजपा नेताओं के साथ-साथ एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने भी कई बार सड़क कार्य पूर्ण कराने डेड लाईन दे चुके थे और एक भी डेड लाईन पर ठेकेदार एवं एमपीआरडीसी का अमला खरा नही उतरा।
बता दें कि सड़क का कार्य 13 सालों से अधूरा पड़ा हुआ है और अब जिम्मेदार अधिकारियों से लेकर क्रियान्वयन एजेंसी एमपीआरडीसी रीवा तथा भाजपा के जनप्रतिनिधि भी इस मामले में बचते नजर आते हैं। यदि कोई व्यक्ति सवाल भी पूछता है तो क्रियान्वयन एजेंसी अधिकारी बातों को टालते हुये गोलमाल जवाब देने का प्रयास करते हैं। वही भाजपा के नेता भी जवाब देने से कतराने लगते हैं। फिलहाल एनएच 39 सीधी-सिंगरौली मार्ग का कार्य कब पूर्ण होगा। अब इसका ठोस जवाब शायद किसी के पास नही है। जिसको लेकर विपक्षीय दल कांगे्रेस एवं आप प्रदेश एवं केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुये सरकार पर तीखा हमला करने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे हैं।
जवाब देने से कतराते हैं भाजपाई
सीधी-सिंगरौली एनएच 39 निर्माणाधीन फोर लेन सड़क भाजपा सरकार के साथ-साथ नेताओं के लिए गले की फंास बन गई है। आलम यह है कि 13 साल से निर्माणाधीन सड़क को लेकर लगातार विपक्षी दल के नेताओं के साथ-साथ आम जनता भी सवाल करते हुये भाजपा जनप्रतिनिधियों से जवाब मांगने लगे हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति सीधी-सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग 39 के कार्यो के बारे में चर्चा कर भाजपा नेताओं से जवाब मांगते हैं। लेकिन पिछले कुछ महीनों से अब कोई भाजपा का नेता इस मुद्दे में कोई बात ही नही करना चाहते हैं, बल्कि बातों को टालने का हर संभव प्रयास करते हैं। भाजपा के नेता यह खुद मानने लगे हैं कि अब इसपर बात करना ही ठीक नही है। जितनी ही बातें होंगी उतनी ही बिगड़ेंगी। इसलिए इसपर बात ना करे तो अच्छा रहेगा।
गोपद पुल टू-लेन का कार्य शुरू नही
सीधी-सिंगरौली के मध्य स्थित गोपद नदी पर वर्ष 2012-13 से पुल का कार्य चल रहा था। काफी जद्दोजहद एवं सरकार की किरकिरी होने के बाद फोर लेन में से टू-लेन पुल का कार्य करीब चार महीने पूर्व पूर्ण हुआ और प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने बड़े ही धूमधाम से लोकार्पण किया। लेकिन अब सवाल उठाया जा रहा है कि एक साईड की पुल का निर्माण हो गया और शेष बचे पुल का कार्य ठेकेदार कब शुरू करेगा। इसका कोई सक रात्मक जवाब नही मिल पा रहा है। एमपीआरडीसी के जिम्मेदार अधिकारी भी जवाब देने से बचते नजर आतें हैं। उनका यह कहना रहता है कि नई टेन्डर कर प्रक्रिया चल रही है और आगे आने वाले दिनों में शेष बचे पुलिया कार्य भी होगा। हालांकि इसका ठोस जवाब भी उक्त विभाग के अधिकारियों के पास नही है।