सिंगरौली : शहर में सफाई व्यवस्था को सुदृढ
बनाने के लिए नगर पालिक निगम सिंगरौली फोटो और दस्तावेजों में हकीकत से ज्यादा सफाई दिखाते हैं जबकि वास्तविकता यह है कि नपानि का एक मात्र मुख्य मार्ग बिलौजी- ताली नाला और सहायक नाले ननि के लिए धब्बा से कम नहीं है। यह नाला गंदगी के भेंट चढ़ गया है।
ट्रामा सेंटर और कन्या महाविद्यालय पहुंच मार्ग में बना नाला कचरा और पन्नी से पटा है। कचरा सड़ने की वजह से बदबू भरी हवाएं चलती है। स्थानीय लोगों ने बताया कि दो-तीन साल से इस नाले की सफाई नहीं हुई। कभी ब्लीचिंग पाउडर नहीं डाला गया है जिससे मच्छरों का झुंड मंडराता है। नाली से सटे दुकानदार, रहवासी और ठेला व्यापारी भले परेशान है लेकिन इसको हटाने के लिए जिम्मेदार अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
गौरतलब कि अगस्त 2024 में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का चितरंगी दौरा था। उस दिन शहर में करीब 4 घंटे की बारिश ने नगर निगम की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी थी। सबसे ज्यादा परेशानी कॉलेज चौराहा और बिलौजी चौराहे सहित कलेक्ट्रेट में देखने को मिली थी। सड़कों पर चारों तरफ पानी भर गया था। 4 घंटे से ज्यादा समय तक लोग कालेज चौराहे से निकल नहीं पाए थे। पूरे सड़क में कचरा था। सहायक नालियां इतनी छोटी और गंदी थी कि पानी निकल नहीं पाया और पूरा शहर पानी पानी हो गया। हालांकि नगर निगम कर्मियों की कड़ी मशक्कत के बाद कई घंटे बाद पानी निकला तब कहीं जाकर यातायात बहाल हुआ था।
कमोवेश हालात इस समय ट्रामा सेंटर पहुंच मार्ग में बने मुख्य नाले की वैसे ही है। कचरे से पटी नालियों से प्रतिदिन लाखों लोगों का आना-जाना होता। कचरा खाने के लिए मवेशी सहित कुत्ते भी नालों में उतर जाते हैं। शहर की गंदगी से आम जनमानस परेशान है तो वही जिम्मेदार फोटो और कागजों में ज्यादा साफ सफाई कर रहे हैं जबकि जमीनी हकीकत यह तस्वीरें बयां कर रही है।
सालों से नालों की नहीं हुई सफाई
पिछले कई सालों से नपा प्रशासन ने नालों की सफाई नहीं कराई है। सफाई कर्मचारी नालों की सफाई करने के नाम पर मात्र रस्म अदायी करते हैं। जिससे नाले गंदगी और कीचड़ से पटे हुए हैं। जबकि नगर निगम के अन्ना अपने रिटायरमेंट के प्लानिंग में जुटे हैं। वह सीटाडेल और कुछ एक एनजीओ से मिलकर सफाई और स्वच्छता के प्रचार प्रसार में हर महीने करोड रुपए खर्च कर रहे हैं और सफाई के नाम पर पैसों का बंदर बांट कर रहे हैं।
इनका कहना है
शहर के नालों की सफाई व्यवस्था बद से बदतर बनी हुई है। मुख्य नाला कई सालों से साफ नहीं हुआ है, गंदगी से वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। मलेरिया का भी प्रकोप रहता है। पाइप हटा दिया जाए तो कम कचरा फसे।
जगदीश – बार्ड – 41- मेडिकल स्टोर संचालक
शहर का मुख्य नाला और सहायक नाले गंदगी से कई सालों से पटे हैं, शहर के लोग इस गंदगी से रोज दो-चार हो रहे हैं बदबू आती है तो रुमाल लगाकर निकल जाते हैं। कचरा खाने के लिए जानवर उतरते हैं और संक्रमण फैलाते हैं।
अनूप गुप्ता ताली वार्ड – 40