सिंगरौली : जिले की 1500 आंगनबाडियों के लिए जिला खनिज प्रतिष्ठान (डीएमएफ) मद से 4 करोड़ 99 लाख रुपए में 7 प्रकार के आईएसआई मार्का वाले बर्तन खरीदने की शासन और विभाग से मंजूरी मिली। लेकिन आधा अधूरा अनब्रांडेड सामग्री खरीद कर पैसों की बंदर बांट कर लिए। बताया जा रहा है कि 2 सितंबर को महिला बाल विकास और उच्च अधिकारियों को भेजे गए प्रस्ताव में सिंगरौली डीपीओ राजेश गुप्ता ने आईएसआई मार्का के बर्तन खरीदने का उल्लेख है।
मिली जानकारी के अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग ने भी आईएसआई माकां वाले 7 बर्तन, जैसे थाली, चम्मच, ग्लास, बाल्टी, जग, 10 लीटर का कंटेनर और करछी (करछुल) की खरीदी के लिए विभाग मुख्यालय से मंजूरी ली। सूत्रों की माने तो महिला बाल विकास अधिकारी राजेश राम गुप्ता ने आईएसआई मार्का का प्रस्ताव इसलिए भेजा ताकि विभाग कोई आपत्ति नहीं ले। लेकिन जेम पोर्टल पर जारी टेंडर और वर्क ऑर्डर में आईएसआई मार्का के बर्तन की जगह अनब्रांडेड और बिना आईएसआई मार्का वाले खरीदें। स्वीकृत कुल बजट ही 4 करोड़ 99 लाख रुपए था, जिसमें से डीपीओ ने 4 करोड़ 98 लाख 88 हजार 300 रुपए में जग, चम्मच और करछी ही खरीदी है। स्वीकृत बजट में से 11700 रुपए ही शेष बचे। 4 आइटम जैसे थाली, ग्लास, बाल्टी और 10 लीटर का कंटेनर खरीदने के लिए बजट ही नहीं बचा और न ही वर्क ऑर्डर में इनकी खरीदा का उल्लेख है।
केन्द्रों तक नहीं पहुंची सामग्री
विभाग द्वारा मंजूर किए गए प्रस्ताव के अनुसार प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र को 30 थाली, 30 चम्मच, 30 ग्लास, 2 बाल्टी, 2 जग, 4 कंटेनर (10 लीटर) और 4 करछुल देना था, लेकिन प्रस्ताव के अनुसार न तो ब्रांडेड सामग्री खरीदीं हुई और न ही केंद्रों तक स्वीकृत सामग्री पहुंची। सूत्र बताते हैं कि सप्लायर को सात आइटमों की खरीदी करनी थी लेकिन महज तीन आइटम ही खरीद कर पूरे बजट को खत्म कर दिया। ऐसे में सवाल यह उठ रहा कि आखिर आधा अधूरा खरीद कर किसके इशारों पर पैसों का बंदर बात किया गया।
डीपीओ ने बदल दिया प्रस्ताव ?
जिला खनिज प्रतिष्ठान का अध्यक्ष कलेक्टर होता है। बताया जा रहा है कि सिंगरौली कलेक्टर ने महिला बाल विकास विभाग (डीपीओ सिंगरौली) को बर्तन खरीदी के लिए ऑनलाइन बजट स्वीकृत किया। बजट स्वीकृत होने पर ही चार आइटम के बजट से भी चम्मच जग-करछुल खरीद ली। सूत्र बताते हैं कि डीपीओ और सप्लायर ने मिलकर प्रस्ताव को न केवल दरकिनार किया बाल की गुणवत्ता विहीन सामग्री भी खरीद लिए।
अनब्रांडेड सामग्री की हुई खरीदी
महिला बाल विकास विभाग के आला अफसरों ने आईएसआई मार्का सामग्री खरीदने की मंजूरी दी। लेकिन छत्तीसगढ़ की जय माता दी ट्रैडर्स को मनमाने दाम पर टेंडर देने के लिए जिला स्तर पर इसे बदल दिया। सूत्र बताते हैं कि डीपीओ ने भोपाल के एक नेता से साठ गांठ कर आदिवासी विभाग का प्रभार लेते हुए
करोड़ों रुपए का ही फेर किया है।