Singrauli News सिंगरौली। सिंगरौली को यूं ही अजब गजब नहीं कहा जाता यहां टाइमकीपर से उपयंत्री बने साहब ने करोड़ों की सिविल लाइन को सड़क में दफन कर दिया। सड़क निर्माण के दौरान करोड़ों रुपए की लागत से बिछाई गई सिविल लाइन सड़क के नीचे दम तोड़ रही है।
पूरी सड़क में सीवर के ढक्कन कहीं नजर नहीं आते। सड़क के गुणवत्ता पर पार्षदों ने सवाल खड़ा किया तो भुगतान रुक गया लेकिन अब पीआईयू से प्रभार में आएं कार्यपालन यत्री ठेकेदार को भुगतान करने की तैयारी कर रहे हैं। आयुक्त को इस गंभीर मसले को भी संज्ञान में लेने की जरूरत है।
गौरतलब है कि कायाकल्प 2 में 10 करोड रूपए नगर निगम को मिले हैं। अधिकारियों ने गारंटी पीरियड की सड़क को कायाकल्प में शामिल कर जहां पूर्व ठेकेदार को अभय दान दिया तो वहीं टाइम कीपर से बने उपयंत्री निर्माण कार्यों में कई बार पहुंचे लेकिन उन्हें सिविल लाइन संभवत नहीं दिखी और उन्होंने सीवर लाइन के ऊपर सड़क का लेप करा दिया।
वही सवाल यह भी है कि आखिर गारंटी पीरियड में होने के बाद भी उस सड़क पर काम कैसे शुरू हो गया। यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी तो कार्यपालन यंत्री सहित एसडीओ पर गाज गिरेंगी। वहीं पार्षदों ने कायाकल्प से बनी सड़क के गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े किए हैं। Singrauli
हालांकि कई पार्षद ठेकेदार की मासूमियत और ईमानदारी का हवाला देकर कार्यपालन यंत्री से भुगतान करने की तरफदारी कर रहे हैं। आयुक्त से वार्ड कमांक 31 में कायाकल्प से बनी सड़क की जांच की मांग कर रहे हैं।
अधिकारियों का पाप ढो रहे ठेकेदार
वार्ड क्रमांक 38 के पार्षद अनिल वैश्य ने कहा कि रोड गारंटी पीरियड में थी बावजूद इसके अधिकारियों ने इसका टेंडर और वर्क ऑर्डर कर काम शुरू कर दिया। अब जब ठेकेदार काम कर दिया है तो उसका भुगतान अधिकारी नहीं कर रहे। ठेकेदार भुगतान के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहा हैं। ठेकेदार की इसमें क्या गलती है। भुगतान रुक जाने के चलते ठेकेदार अन्य दूसरे काम भी नहीं कर पा रहा है।
अधिकारियों की लापरवाही का खामियां ठेकेदार उठा रहे हैं। गारंटी पीरियड में टेंडर निकालने वाले कार्यपालन यंत्री और एसडीओ पर कार्यवाही हो और उनसे वसूली की जाए। अधिकारियों के कुकर्मों और पापों की सजा ठेकेदार ढो रहे हैं यह कहा जाए तो गलत नहीं होगा। Singrauli News