आलेख – नवीन मिश्रा
सिंगरौली। सिटाडेल कंपनी पर घर-घर कचरा संग्रहण, निस्तारण और मृत मवेशियों का डिस्पोजल सत प्रतिशत नहीं करने के आरोप लगाते रहे हैं, परिषद में काम गाड़ियों के आरोपी के बाद कंपनी ने गाड़ियों का भौतिक सत्यापन कराया लेकिन उसे पर भी आरोप लगे कि नगर निगम और एनटीपीसी में खड़ी गाड़ियों को लाकर भौतिक सत्यापन कर दिया। आरोपों में कितनी सच्चाई है यह जांच के बाद स्पष्ट होगा।
सिटाडेल कंपनी ने एनसीएल ग्राउंड में कचरे में लगी गाड़ियों का का सत्यापन कर दिया। जिसमें 63 मैजिक वाहन, ट्रैक्टर -9, 2 टीपर, 2 ट्रैक्टर के साथ लोडर मोरवा और बैढ़न में एक एक जेसीबी लगाई गई है। लेकिन पार्षद मैजिक वाहन और डीपर का कराएं गए भौतिक सत्यापन पर सवाल खड़े कर रहे हैं, पार्षदों ने कहा कि 45 वार्ड में 63 मैजिक कचरा वाहन लग ही नहीं है। यदि इतनी गाड़ियां लगी है तो उनके ड्राइवर की लिस्ट और इनका पीएफ भुगतान दिखाएं। पार्षदों का आरोप है कि स्वच्छता पर जिले से लेकर प्रदेश तक के लोगों का हित जुड़ा है, वरना सिटाडेल कंपनी पर पहले ही कार्यवाही हो जाती।
कंडम गाड़ियों का हुआ सत्यापन?
आरोप है कि कई कंडम और ब्रेकडाउन गाड़ियों को धक्का मार स्टार्ट कर एनसीएल ग्राउंड तक लाया गया, फिर बाद में उन गाड़ियों को एक एजेंसी में बनने के लिए खड़ा कर दिया गया है। भौतिक सत्यापन करने आई एक गाड़ी के पीछे कचरा डब्बे को देखकर ऐसा लगा कि इसमें कभी कचरा डाला ही नहीं गया, पूरा केविन साफ सुथरा था। पार्टीशन दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए थे। यानी जिला और सूखा कचरा मिक्स होकर कचरा प्लांट पहुंच रहा था।
ब्रेकडाउन गाड़ियों से भी ढोया कचरा !
चर्चा है कि सिटाडेल कंपनी ब्रेकडाउन गाड़ियों को भी चलाएं मान दिखाया है, कई ऐसी गाड़ियां हैं जो लंबे समय से ब्रेकडाउन थी, हालांकि आरोपों में कितनी सच्चाई है यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। सूत्रों की माने तो ब्रेकडाउन तीन कचरा वाहन एक एजेंसी से ही लाए गए थे। बाद में भौतिक सत्यापन होने के बाद उन्हें वापस एजेंसी में ही खड़ा कर दिया गया। कई पार्षद इस भौतिक सत्यापन में अपनी नाराजगी जाहिर की।
इनका कहना है
गाड़ियां कम होने के कारण घर-घर कचरा संग्रहण नहीं हो रहा, गाड़ियों का भौतिक सत्यापन एक औपचारिकता के बीच खत्म हुई, और अधिक गाड़ियों को लगाने की जरूरत है तब 45 वार्डों में कचरा वहां पहुंच पाएंगे।
अनिल कुमार वैश्य, पार्षद व अपीलीय अधिकारी