सिंगरौली– एनटीपीसी विंध्याचल प्रबंधन द्वारा सामाजिक दूरी का पालन करते हुए विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर माइक्रोसॉफ़्ट टीम के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर कार्यकारी निदेशक विंध्याचल श्री मुनीश जौहरी नें अपने उद्बोधन में ऑनलाइन के माध्यम से देश के विभिन्न प्रांतो एवं विदेश से जुड़े कविगणों को विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दी । उन्होनें कहा कि प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। विश्व हिंदी सम्मेलन जो हिंदी भाषा का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन है, जिसमें विश्व भर से हिंदी विद्वान, साहित्यकार, पत्रकार, भाषा विज्ञानी तथा हिंदी प्रेमी जुड़ते है। इसलिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी के प्रति जागरूकता पैदा करने के उदेश्य से विश्व हिंदी सम्मेलनों की शृंखला आरंभ की गई। उन्होनें उम्मीद जताई कि यह अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन कवि सम्मेलन सभी कर्मचारियों एवं उनके परिवारजनो की नीरसता को जीवंतता प्रदान करने में सार्थक सिद्ध होगा।
महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) श्री एस सी नायक ने अपने उदबोधन मे देश एवं विदेश से जुड़े कवियों एवं माइक्रोसॉफ़्ट टीम के माध्यम से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों को विश्व हिंदी दिवस की बधाई दी। उन्होने कहा कि इस महामारी के समय में ऑनलाइन के माध्यम से इस अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन राजभाषा हिंदी के विकास हेतु लोगों को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करेगा।
महाप्रबंधक (मानव संसाधन) श्री उत्तम लाल ने अपने स्वागत सम्बोधन के जरिये ऑनलाइन के माध्यम से देश एवं विदेश से जुड़े कवियों का अभिनंदन किया तथा विश्व हिंदी दिवस की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होनें यह भी कहा कि मानव संसाधन राजभाषा अनुभाग द्वारा राजभाषा के प्रचार-प्रसार के लिए अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन माइक्रोसॉफ़्ट टीम के माध्यम से किया जा रहा है, यह एक सराहनीय कदम है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में श्री एल.एम. पाण्डेय, सहायक प्रबंधक (मानव संसाधन) नें मुख्य अतिथि व अन्य गणमान्य अतिथियों एवं कवियों का स्वागत किया तथा विश्व हिंदी दिवस के विषय में जानकारी दी। इस कवि सम्मेलन में माइक्रोसॉफ़्ट टीम के माध्यम से देश के विभिन्न प्रान्तों एवं विदेश से जुड़े प्रतिष्ठित कविगणों नें भाग लिया तथा अपनी-अपनी रचनाओं को सुनाकर सभी का भरपूर मनोरंजन किया।
काव्य गोष्ठी का संचालन कवि योगेंद्र मिश्रा द्वारा किया गया। कवि योगेंद्र मिश्र नें “ मै सदियों का आहवाहन हूँ, मै हिंदुस्तान की थाथी हूँ, मै हिंदी हूँ, मै हिंदी हूँ“ आदि विभिन्न प्रस्तुतियों से लोगों का दिल जीत लिया तथा सभी दर्शकों को वाह-वाह करने पर मजबूर कर दिया। काव्य-गोष्ठी का शुभारंभ कवियत्री साधना श्रीवास्तव की सरस्वती वंदना “ माँ देना तो ये वर देना, जीवन मे सत्य स्वर भर देना, हारे थके निराश जनों की, इच्छा शक्ति प्रबल कर देना” से की गई। तत्पश्चात कवि मनमोहन मिश्रा ने हिंदी कविता “ सीधी साधी जबान है हिंदी, देश की आंन-बाँन है हिंदी” एवं दूसरी चिंतन पर आधारित कविता “ स्वार्थ का पहले उतारो आवरण, देखना होगा यहाँ नव जागरण” सुनाकर सभी को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद लंदन से जुड़े श्री दीपक अरोरा जी नें अपनी कविता “कितने किस्से कितनी यादें, है तुम्हारी बातों में” से सभी श्रोतागणों को आनंदित कर दिया।
काव्य गोष्ठी को आगे बढाते हुए वाशिंगटन डीसी, यूएसए से जुड़े कवि श्री दिनेश शुक्ल जी नें अपनी कविता “नजर की एक कलम है, आसुओं की दवात” एवं ”सांझ का वक्त क्षितिज के पार, ढलता सूरज अपने द्वार” को सुनाकर सभी लोगो का दिल जीत लिया।
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इसके पश्चात जबलपुर से जुड़ी कवियत्री श्रीमती इंदू श्रीवास्तव नें अपनी पहली कविता “हमारी आग को पानी करोगे, दिली रिश्तों से बेईमानी करोगे। हमे ये उम्मीद न थी तुमसे, कि तुम नादानी करोगे” एवं दूसरी कविता “ तू ही मेरा जोगिया, तू ही मेरा जोग। तू ही मेरा वैद्य है, तू ही मेरा रोग” वाली कविता को सुनाकर सभी को भाव विभोर कर दिया। काव्य गोष्ठी की अगली कड़ी में कवियत्री साधना शर्मा जी ने “ आँख अपनी नजर पराई है, सही सूरत, नहीं बन पाई है” वाली कविता सुनाकर सभी को वाह-वाही करने पर मजबूर कर दिया।
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कार्यक्रम का समापन सहायक प्रबंधक (मानव संसाधन) श्री एल.एम. पाण्डेय के धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।कार्यक्रम के दौरान महाप्रबंधकगण, विभागाध्यक्ष तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ-साथ माइक्रोसॉफ़्ट टीम के माध्यम से जुड़े सभी अधिकारियों, कर्मचारियों एवं उनके परिवारजनो ने भी इस अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन कवि सम्मेलन का भरपूर आनंद उठाया।
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