सिंगरौली 16 मार्च। पीआईयू विभाग के द्वारा जितने भी निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं उसके गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसा ही मामला शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र देवसर का सामने आया है। जहां 3 करोड़ 97 लाख रूपये की लागत से आईटीआई तो बन गयी लेकिन लोकार्पण के पहले गुणवत्ता की पोल खुल रही है। जगह-जगह दीवार में दरार पडऩे से पीआईयू के अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।
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गौरतलब हो कि पीआईयू विभाग सिंगरौली के द्वारा जिलेभर में जो निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं उन निर्माण कार्यों में जमकर गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है। पीआईयू विभाग के अधिकारी कुंभकर्णीय निद्रा में सो रहे हैं। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि पीआईयू के अधिकारी का इनके संविदाकारों से अच्छे तालमेल होने के चलते निर्माण कार्य में हो रही गुणवत्ता की अनदेखी जान बूझकर की जाती है। जिलेभर में कई ऐसे निर्माण कार्य हुए हैं और हो भी रहे हैं। जिनमें जमकर लीपापोती की जा रही है।
सूत्र तो यह भी बताते हैं कि पीआईयू विभाग के द्वारा जिले में बनाये जा रहे छात्रावासों में इसी तरह राशि का बंदरबांट करके गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहे हैं। अभी हाल ही में पीआईयू के द्वारा जिला मुख्यालय बैढऩ व कचनी में बनाये जा रहे छात्रावास के गुणवत्ता को लेकर काफी सवाल उठाया गया था। इसके बावजूद पीआईयू के अधिकारी अपने कार्यप्रणाली से बाज नहीं आ रहे हैं। यही हाल आईटीआई कॉलेज देवसर का देखने को मिला है। जहां लोकार्पण के पहले ही नवनिर्मित भवन में दरार आ गयी है। ऐसे में कहीं न कहीं संविदाकार व पीआईयू के अधिकारियों की सांठ-गांठ के चलते गुणवत्ता को नजर अंदाज किया जा रहा है।
दो वर्ष पूर्व होना था लोकार्पण
सूत्रों की बातों पर गौर करें तो शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र जियावन में 3 करोड़ 97 लाख रूपये की लागत से बनाया गया है। बताया जाता है कि इस आईटीआई भवन की निर्माण एजेंसी पीआईयू था। उक्त भवन वर्ष 2018 में बनकर तैयार हो गया था और इसका लोकार्पण 9 जून 2018 को होना था। लेकिन उक्त भवन का लोकार्पण नहीं हो पाया। आखिर वो कौन सी बजह थी कि उक्त भवन का लोकार्पण नहीं हुआ। इस इस संबंध में कोई भी कुछ बताने को तैयार नहीं है। ऐसे में कहीं न कहीं सरकार की जो मंशा है उस पर विभाग पानी फेर रहा है। इस तरह के कई निर्माण कार्य हुए हैं और हो रहे हैं। जिसमें जमकर अनियमतता की जा रही है। लेकिन इस अनियमितता पर लगाम कसने में जिम्मेदार अधिकारी भी नाकाम साबित हो रहे हैं।
गुणवत्ता की पोल खोल रही दरार
शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र देवसर में जो नवनिर्मित भवन का निर्माण कार्य कराया गया है उसमें जमकर अनियमितता की गयी है। सूत्रों की बातों पर गौर करें तो जब से यह आईटीआई भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ है तभी से गुणवत्ता की जमकर अनेदखी की गयी थी। कभी भी अधिकारी यह देखने नहीं आये कि गुणवत्ता पर कार्य हो रहा है कि नहीं यही कारण है कि उक्त भवन में जगह-जगह दरार आ गयी है। ऐसे में यह भवन पूरी तरीके से घटिया निर्माण कार्य की पोल खोल रही है। कहीं न कहीं गुणवत्ता की जो अनदेखी की गयी है इसमें पीआईयू के अधिकारी का संरक्षण होना सूत्र बताते हैं। यही कारण है कि आईटीआई का यह भवन भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ गयी है।
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