MP News सिंगरौली। अप्रैल माह में हुई परिषद बैठक में पार्षदों ने सिटाडेल कंपनी पर घर-घर कचरा संग्रहण और निस्तारण में अनियमितता सहित पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ हुए एग्रीमेंट का पालन नहीं कराने के आरोप लगाए थे।
जहां परिषद अध्यक्ष ने पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए थे।लेकिन एक महीना से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी सिटाडेल कंपनी की कोई जांच नहीं हो पाई। इसके अब कई मायने निकाले जा रहे हैं। सिटाडेल पुराने पैटर्न में एक बार फिर काम शुरू कर दिया है।
बता दें कि परिषद में सिटाडेल कंपनी के खिलाफ पार्षदों ने जमकर हंगामा किया था। जिसके जवाब में कमिश्नर डीके शर्मा भी अपने एक बयान को लेकर सुर्खियों में आ गए थे। उन्होंने कहा था कि स्वच्छता नोडल अधिकारी बनने के लिए छाती पर पैर रखकर आदेश करवाए जाते हैं। यदि परिषद साथ दे तो वह कुछ कर पाएंगे। MP News
जहां परिषद अध्यक्ष के निर्देश के बाद निर्णय लिया था कि सिटाडेल घर-घर कचरा संग्रहण में कितनी गाड़ियां लगाया है, कितना कचरे का निस्तारण किया है, साथ ही पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ हुए एग्रीमेंट का कितना पालन हुआ है इसकी जांच पार्षदों की मौजूदगी में किया जाएगा। लेकिन एक महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद अभी तक परिषद के निर्देशों का पालन नहीं हो पाना कई सवाल खड़े कर रहा है।
लोगों के मन में खड़े हो रहे सवाल
सवाल यह है कि क्या परिषद से ज्यादा पावरफुल सिटाडेल कंपनी है, अधिकारियों में कंपनी को क्या नोटिस या फिर कोई निर्देश जारी किया, जांच में देरी की वजह क्या है, क्या भोपाल स्तर से अधिकारियों को किसी प्रकार का दबाव है जिसके चलते जांच नहीं हो पाई, सिटाडेल ने क्या सभी को मैनेज कर लिया, जैसे कई सवाल लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। MP News
पर्यावरण संरक्षित करने में कंपनी ने किया हीलाहवाली
परिषद बैठक में पार्षद ने आरोप लगाया की सिटाडेल कंपनी और पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के बीच हुए कॉन्ट्रैक्ट का पालन नहीं हो रहा है। कंपनी के प्रस्तावित परियोजना पर्यावरण संरक्षित करने की शर्त पर मंजूरी मिली थी। लेकिन कंपनी ने पर्यावरण मंत्रालय के आदेश का पालन नहीं किया है। सिटाडेल के एग्रीमेंट में बुड़कुड़, गनियारी, नवजीवन विहार, मोरवा में 25 एकड़ में ग्रीन बेल्ट डेवलप करना था। ताकि क्षेत्र में पर्यावरण का संतुलन बना रहे। MP News
करोड़ों रुपए का गोलमाल करने का आरोप
पार्षदों ने आरोप लगाया है कि सिटाडेल को वृक्षारोपण, ग्रामीणों को खाद बीज उपलब्ध कराने और पूरे कचरे का निस्तारण करने का एग्रीमेंट हुआ था, वहीं कंपनी को प्रतिदिन 10 टन कचरा संग्रहण का वर्क आर्डर जारी हुआ, लेकिन 30 टन का भुगतान किया जा रहा है। कंपनी बिना कोई काम किये अधिकारियों से सांठगांठ कर कई करोड़ों रुपए का गोलमाल किया हैं। पार्षदों ने सिटाडेल कंपनी के एग्रीमेंट को निरस्त करने करने की मांग की थी। लेकिन इस मामले में आयुक्त सिर्फ जांच टीम गठित कर रहे हैं। कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति की जा रही है। MP News