सिंगरौली 8 जून। गोदवाली का कोलयार्ड नेशनल हाईवे सीधी-सिंगरौली सड़क के किनारे कोयले का ढेर वाहनों के आवाजाही में जहां रोड़ा डाल रहा है। वही एनएच का अमला भी अनजान बना है। साथ ही क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण तंत्र एसी दफ्तर से बाहर नही निकल रहा है। जिससे यहां के रहवासियों का जीना मुहाल है।
दरअसल गोदवाली कोलयार्ड का कोयला का भण्डारण इस तरह किया जा रहा है कि नेशनल हाईवे 75 तक पहुंच गया है। सड़क की पटरी भी नही बची है। जहां कोयले का भण्डारण न किया हो। हालांकि यह कोयला वैध है, किंतु एनएच सड़क पर कोयले का भण्डारण किया जा सकता है। इसके लिए सख्त निर्देश है। किंतु आरोप है कि नेशनल हाईवे 75 का अमला पूरी तरह से कुम्भ निद्रा में हैं। इनकी निद्रा कब टूटेगी, इसपर भी बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।
आरोप यहां तक लग रहा है कि सड़क के किनारे कोयले का भण्डारण किये जाने को लेकर कई बार शिकायती भी की गई। इसके बावजूद नेशनल हाईवे कार्रवाई करने से बचता रहता है। जिसके चलते फोर लेन सड़क में से टू-लेन का आवागमन अधिकांशत: समय में प्रभावित रहता है और वाहनों को बरगवां से गोरबी तरफ जाने में परेशानियों का सामना भी उठाना पड़ता है।
आरोप है कि नेशनल हाईवे के अधिकारियों के उदासीनता के चलते कोलयार्ड के ठेकेदारों का मनोबल बढ़ा हुआ है। उनपर यदि कार्रवाई कर दी जाये तो, इस समस्या से निजात मिल सकती है, लेकिन नेशनल हाईवे का अमला भी एसी दफ्तर से बाहर निकलने की जरूरत नही समझते है। यही हाल क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अमले का भी है। जहां कोयले के डस्ट ने लोगों को जीना दुश्वार कर दिया है। आलम यह है कि कोलयार्ड गोदवाली में 24 घंटे लगातार कोयले का परिवहन एवं भण्डारण किया जाता है और कोयले का डस्ट इस तरह उड़ता है, जैसे रेल का धुआं हो। यहां के लिए यह कोई नई बात नही है।
गोदवाली में जब से कोलयार्ड चालू हुआ है तब से यह समस्या बनी हुई है। प्रदूषण नियंत्रण अमला सब कुछ जानते हुये अनजान बना हुआ है। फिलहाल गोदवाली कोलयार्ड का एनएच सड़क में बेजा कब्जा एवं पर्यावरण प्रदूषण यहां के रहवासियों के लिए गले का फांस बनता जा रहा है। प्रशासन की उदासीनता एवं कार्यप्रणाली पर भी तरह-तरह का सवाल उइना लाजमी है।
यहां का खेती किसानी भी चौपट
आलम यह है कि गोदवाली समेत कसर, भलुगढ़, पड़री समेत आसपास के गांव के लोग कोयले एंव त्रिमुला इडिस्ट्रीज कंपनी के डस्ट से परेशान हैं। यहां के घरों, खेतों पर कोयले का डस्ट लेयर इस तरह जमा होता है कि पेड़, फसलों के पत्ते और फल काला ही काला दिखाई देते हैं। घरों के अंदर भी कोयला का डस्ट जमा हो रहा रहा है। इसके बावजूद प्रदूषण नियंत्रण अमला कुम्भकरीण निद्रा में है। इतना ही नही प्रदूषण के चलते लोग परेशान भी हो रहे हैं। लेकिन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी, कोल कंपनी के ठेकेदारों पर कार्रवाई करने से भागते नजर आते हैं। इसके पीछे अहम कारण क्या है, वह भी जगजाहिर है।
रेल के धुएं की तरह उड़ता है कोयले का डस्ट
आलम यह है कि गोदवाली कोलयार्ड में समय-समय पर पानी का छिड़काव न होने से कोयले का डस्ट रेल के धुएं की तरह उड़ता है। आज दिन रविवार की दोपहर से लेकर शाम 7 बजे तक इसी तरह का नजारा नजर आ रहा था। यहां के लोग बताते हैं कि प्रदूषण नियंत्रण अमला पूरी तरह से सुस्त पड़ा हुआ है और इसी के चलते यहां का एआईक्यू लगातार बढ़ता जा रहा है। जो लोगों के सेहत के लिए काफी नुकसान देय है।